शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता को स्थापित करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य : धर्मेन्द्र प्रधान

म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 क्रियान्वयन, चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर हुई कार्यशालाभोपाल : केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शिक्षा को प्राथमिकता का विषय बनाने के लिए मध्‍य प्रदेश सरकार का आभार मानते हुए कहा कि मध्य प्रदेश ने संस्कृति, धर्म और ज्ञान परंपरा की निरंतरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वैज्ञानिकता, दार्शनिक स्पष्टता और अध्यात्मिकता का पुट भारतीय शिक्षा व्यवस्था का आधार रहा है। मैकाले द्वारा स्थापित शिक्षा व्यवस्था में भारतीयता को स्थापित करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है।

 

केन्द्रीय मंत्री प्रधान रविवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: क्रियान्वयन, चुनौतियां एवं संभावनाएं” विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में मध्‍य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर उपस्थित रहे।

 

केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने प्रदेश की शैक्षणिक संस्थानों में न्यू ऐज स्किल जैसे क्वान्टम कम्प्यूटिंग और एआई के विस्तार की आवश्यकता बताई। उन्होंने शाला स्तर में विद्यार्थियों के कक्षा 12 तक निरंतर अध्ययनरत रहने, शोध को स्थानीय आवश्यकताओं से जोड़ने, शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन में समाज की भागीदारी बढ़ाने और शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को समाज के प्रति उत्तरदायी बनाने की आवश्यकता बताई। केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के अभियान में समाज को जोड़ने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आयोजनों में महंगे पुष्प-गुच्छ से स्वागत की परंपरा के स्थान पर फलों की टोकरी देकर स्वागत करने का नवाचार अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि रोजगारपरक और नवाचार उन्मुख शिक्षा को जनांदोलन का रूप देना होगा।

 

भारत के भविष्य को नई दिशा देने की दूरदर्शी कार्य योजना है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : राज्यपाल पटेल

 

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश को शिक्षा–परिवर्तन की दिशा में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए नीति की दिशा, लक्ष्य और समन्वित कार्य–संस्कृति के द्वारा प्रयास करने होंगे। युवाओं के द्वारा प्रदेश और देश समाज को बदलने के विश्वास का प्रतीक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 है। यह भारत के भविष्य को नई दिशा देने की दूरदर्शी कार्ययोजना है, जिसका मूल स्वभाव ‘समग्रता’ है। उन्होंने नीति के लक्ष्यों समग्र शिक्षा, समग्र विकास और समग्र राष्ट्र-निर्माण से जुड़ी चुनौतियों और मध्य प्रदेश की विशेष परिस्थितियों में उपलब्ध संभावनाओं पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सामूहिक विचार की पहल की सराहना की।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में अग्रणी: मुख्यमंत्री

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी है। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केवल शैक्षणिक सुधार न मानकर राज्य के कौशल, नवाचार और सांस्कृतिक पुनर्जागरण से जोड़ा है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को कुलगुरु संबोधन देकर हमने प्राचीन गुरुकुल आदर्श को आधुनिक व्यवस्था से जोड़ा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व में जिन भी महापुरुषों ने समय की धारा को बदला है, उन महापुरुषों के व्यक्तित्व विकास में गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

 

कार्यशाला के प्रारंभ में प्रदेश में संचालित सांदीपनि विद्यालयों पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। नगरपालिका निगम भोपाल की महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, संचालक मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी अशोक कड़ेल विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यशाला में आयुक्त उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा, आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती शिल्पा गुप्ता, शासकीय और निजि विश्वविद्यालय के कुलगुरू, महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षाविद, और विद्यार्थी उपस्थित थे।

 

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