नई दिल्ली : भाजपा के सहयोगी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि राम मंदिर का मुद्दा अदालत के फैसले या आपसी सहमति से हल होना चाहिए. कुमार का यह बयान हिंदुत्व समूहों की अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की मांग पर उनकी पार्टी जदयू के विरोध का संकेत है.
जदयू अध्यक्ष कुमार ने इस मुद्दे पर एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा लंबे समय से यह कहना रहा है कि इस मुद्दे को या तो अदालत के फैसले या आपसी सहमति से सुलझाया जाना चाहिए.’’ कुमार ने कहा कि प्रत्येक पार्टी का अपना विचार होता है लेकिन मामले पर उनकी पार्टी का रूख लंबे समय से यही है.
उन्होंने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा जो अन्य मामलों के साथ ही कानून व्यवस्था कथित रूप से खराब होने को लेकर उनकी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. कुमार ने कहा कि दुष्प्रचार का बिहार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं…मेरी बिना वजह बोलने की आदत नहीं है. कुछ लोगों में केवल बोलने की आदत होती है लेकिन मैं अपना काम करता हूं.’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सहित विभिन्न हिंदुत्ववादी संगठन केंद्र पर दबाव बना रहे हैं कि वह उस स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते एक कानून बनाये जहां के बारे में माना जाता है कि वहां भगवान राम का जन्म हुआ था.राममंदिर भूमि विवाद का मामला वर्तमान में उच्चतम न्यायालय है.
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