कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कैशियर के खिलाफ सोमवार को काकादेव थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। कैशियर पर गलत भुगतान करने का आरोप है। आरोप यह भी है कि प्रकरण में अनाधिकृत धन प्राप्तकर्ता और बैंक प्रबंधन की भूमिका भी सही नहीं है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
मुकदमा सहायक भविष्य निधि आयुक्त चेतन यादव की ओर से दर्ज कराया गया है, जिसमें तत्कालीन कैशियर राजकुमार चतुर्वेदी को आरोपित बनाया है। तहरीर के मुताबिक ईपीएफओ में कार्यरत गीता देवी पत्नी स्वर्गीय राम सिंह चौहान निवासी घनश्याम का पुरवा की ग्रेच्युटी का 12.77 लाख रुपये पास हुआ था। इस पैसे को ईपीएफओ कर्मचारी गीता देवी पत्नी स्वर्गीय डीएस द्विवेदी निवासी 19, रामपुरम, श्याम नगर के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
मामला अप्रैल 2017 का है। दोनों के खाते स्टेट बैंक में हैं। पैसा एकाउंट में आने के बाद अनाधिकृत प्राप्तकर्ता ने पैसे निकाल लिए। प्रकरण सामने आने के बाद गीता देवी ने कुछ पैसे वापस भी किए, लेकिन अब तक 7.67 लाख रुपये लौटाए नहीं गए हैं। तहरीर में कैशियर के साथ-साथ अनाधिकृत धन प्राप्तकर्ता गीता देवी और भारतीय स्टेट बैंक, शाखा पांडु नगर के प्रबंधक की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।
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