राम जन्मोत्सव के लिए सजी अयोध्या, श्रद्धालुओं का रेला

इस बार दो दिन मनेगा जन्मोत्सव, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

अयोध्या : चैत्र रामनवमी पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को लेकर धर्मनगरी अयोध्या सजने संवरने लगी है। जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं की आमद तेज हो गई है। सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने भी कवायद तेज कर दी है। राम नगरी के ऐतिहासिक चैत रामनवमी मेले को संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को 5 जोन और 26 सेक्टर में विभाजित किया है। इसी के मुताबिक जोनल तथा सेक्टर मजिस्ट्रेटओ की तैनाती की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर एटीएस कमांडो सीसीटीवी, रैपिड एक्शन फोर्स, सीआरपीएफ पीएसी तथा पुलिस बल के जवानों को लगाया गया है। फायर टेंडर, बम खोजी निरोधी दस्ता, एंटी सेबोटाज चेक टीम के साथ स्पार्टर दस्तों की तैनाती हुई है। मठ मंदिरों तथा घाटों पर बैरिकेडिंग के अलावा रूट डायवर्जन का खाका खींचा गया है। चैत रामनवमी मेले में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मध्य नजर जिला प्रशासन की ओर से रामलला के दर्शन अवधि में बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी चैतराम नवमी मेला संपन्न होने तक जारी रहेगी।

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री रामजी का जन्म उत्सव प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को मध्यान्ह काल मे हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है। इस वर्ष एक वर्ग नवमी एवं पुनर्वसु नक्षत्र मध्यान्ह काल मे 13 अप्रैल को तथा विरक्त संत 14 अप्रैल को आचार्य परंपरा के मुताबिक सूर्योदय काल में नवमी तिथि को आधार मानकर जन्मोत्सव मनाएंगे। आचार रघुनाथ त्रिपाठी का कहना है कि श्री गोस्वामी जी ने लिखा है कि ‘नवमी तिथि मधुमास पुनीता’। महर्षि वाल्मीकि ने ‘चैत्रे नावमिके तिथौ नक्षत्रेऽदिति दैवत्ये’ को आधार माना है। वैसे प्रतिदिन ‘भये प्रगट कृपाला’ का गान होता है तो भागवत में शुकाचार्य नित्योत्सवं की बात कहते हैं। उन्होंने बताया कि चैत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय चरण,कर्क लग्न के उदयकाल, लग्नेश चन्द्र के साथ उच्च के ब्रहस्पति, मेष के सूर्य, तुला के शनि, मीन राशि में शुक्र, मकर में मंगल, मिथुन में बुध, वृष राशि में राहु, वृश्चिक मे केतु स्थित होकर प्रभु के जन्म महोत्सव का आनंद लेते हैं।

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