शिक्षा पद्धति के नवीनीकरण पर चिंतन में जुटे देश-विदेश के शिक्षाविद

इण्टरनेशनल राउण्डटेबल कान्फ्रेन्स ‘एड लीडरशिप-2019’ का भव्य उद्घाटन

लखनऊ : ग्लोबल एजूकेशन एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट के तत्वावधान में तीन दिवसीय इण्टरनेशनल राउण्डटेबल कान्फ्रेन्स ‘एड लीडरशिप-2019’ का भव्य उद्घाटन आज प्रातः सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। यह सम्मेलन ‘स्ट्रेस फ्री एजूकेशन – सिंगापुर लीड्स द वे’ थीम पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सिंगापुर, अमेरिका व देश के विभिन्न विद्यालयों से पधारे शिक्षक व शिक्षाविद् प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन का शुभारम्भ सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ तथा सम्मेलन की संयोजिका डा. सुनीता गाँधी ने देश-विदेश से पधारे शिक्षाविद्ों का हार्दिक स्वागत-अभिवादन किया एवं सम्मेलन के उद्देश्यों पर अपने विचार रखे।

विदित हो कि ‘एड लीडरशिप-2019’ का आयोजन 10 से 12 अक्टूबर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से पधारे लगभग 400 शिक्षाविद्, प्रधानाचार्य, शिक्षक एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर चिंतन-मनन व मंथन कर शिक्षा पद्धति को नया आयाम दे रहे हैं। सम्मेलन के प्रातःकालीन सत्र में परिचर्चा का शुभारम्भ मुख्य वक्ता डा. माला मेहरा, प्रधानाचार्या, हार्नर कालेज, लखनऊ के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ, जिन्होंने ‘स्ट्रेस फ्री एजूकेशन – लर्निंग फ्राम सिंगापुर’ विषय बोलते हुए शिक्षा पद्धति को बच्चों के लिए रोचक बनाने पर जोर दिया और कहा कि शिक्षा में ज्ञान, बुद्धिमत्ता, प्रभावशाली अभिव्यक्ति और आध्यात्मिक दृष्टिकोण का सुन्दर समावेश होना आवश्यक है तभी शिक्षा परिपूर्ण बनती है। इस अवसर पर सिंगापुर से पधारे शिक्षाविद् जॉन यिओ ने ‘एजूकेशन सिस्टम एण्ड हाउ इट इज चेन्जिंग इन सिंगापुर’ विषय पर अपने विचार रखे जबकि सुश्री जया दास, डायरेक्टर, सिंगापुर एजूमैट्रिक्स ने ‘लर्निंग इन ए सेफ क्लासरूम इन्वार्यनमेन्ट’ विषय पर अपने विचार रखे।

अपरान्हः सत्र में दूसरे राउण्डटेबल सेशन में ‘बियोन्ड यस्टरडेज क्लासरूम’ विषय पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें हैदराबाद से पधारी शिक्षाविद् सुश्री मधु शर्मा, इण्टरनेशनल एजूकेशन कन्सल्टैन्ट, ने मुख्य वक्ता के रूप से अपने विचार रखे। इसके अलावा, सुश्री निर्मला अयादुरई, डायरेक्टर, सिंगापुर एजूमैट्रिक्स ने ‘ट्रान्सफार्मिंग असेसमेन्ट्स फॉर सेल्स डायरेक्टेड लर्नस’ विषय पर जबकि सिंगापुर से पधारी स्टेला फर्नांडिज ने ‘चेंजिग रोल्स ऑफ ए टीचर’ विषय पर अपने विचार रखे। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की संयोजिका डा. सुनीता गाँधी ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा पद्धति पर निर्भर करता है। हमारे अपने देश में शिक्षा के क्षेत्र में हालांकि उल्लेखनीय प्रगति हुई है, इसके बावजूद बच्चों की बहुत बड़ी संख्या अभी भी गुणात्मक शिक्षा से वंचित है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न देशों के अनुभवों से लाभ उठाते हुए हम आशातीत सफलता प्राप्त कर सकते हैं। डा. सुनीता गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अन्तर्गत देश-विदेश से पधारे शिक्षाविदों की सारगर्भित परिचर्चा का दौर 11 व 12 अक्टूबर को भी जारी रहेगा। इसके अलावा, सायंकालीन सत्र में देश-विेदेश से पधारे शिक्षकों व शिक्षाविदों के सम्मान में ‘सांस्कृतिक संध्या’ का आयोजन हुआ।

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