अपराध

गाजियाबाद: 8 साल की बच्ची से रेप, कांवड़ लेने गए थे माता-पिता

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में पड़ोसी युवक ने 8 साल की बच्ची के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है. रेप पीड़िता के माता-पिता बच्ची को घर छोड़कर हरिद्वार कांवड़ लेने गए थे. इसी दौरान आरोपी युवक ने बच्ची के साथ रेप किया. बच्ची के माता-पिता जब घर पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी मिली. जिसके बाद परिवार वालों ने मसूरी थाना क्षेत्र में पॉस्को एक्ट की धाराओं में 25 वर्षीय युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया . पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने बच्ची के माता-पिता के घर पर न होने का फायदा उठाकर बच्ची को एक खाली प्लॉट में ले गया, जहां उसने इस घटना को अंजाम दिया. मसूरी थाना क्षेत्र की आकाशनगर कॉलोनी में कक्षा 3 में पढ़ने वाली 8 साल की पीड़ित बच्ची अपने परिवार के साथ रहती है. परिवार में मां-बाप, मामा और भाभी हैं. बच्ची के मां-बाप 1 अगस्त को बच्ची को उसकी मौसी के पास छोड़कर हरिद्वार कांवड़ लेने के लिए गए थे. कांवड़ यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने देखा कि बच्ची रो रही थी और सही प्रकार से चल नहीं पा रही. उन्होंने बच्ची से पूछा कि उसे क्या हुआ है . बच्ची ने रोते हुए मां-बाप को बताया कि पड़ोस में रहने वाला युवक उसे 8 अगस्त की शाम को खाली प्लॉट में ले गया, जहां उसने दुष्कर्म किया. आरोपी ने इसके बाद बच्ची को जान से मारने की धमकी भी दी. इसी डर के चलते बच्ची ने अपनी मौसी को इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन मां-बाप के पूछने पर उसने वारदात के बारे में बताया. परिवार के अनुसार बच्ची घर के पास पिता के मोबाइल से खेल रही थी. आरोपी युवक ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसे मोबाइल वापस देने के बहाने एक खाली प्लॉट में ले जाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया. शुक्रवार शाम को परिजनों ने मसूरी थाने में पॉस्को एक्ट की धाराओं में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया. मामले में आरोपी से पूछताछ जारी है. वहीं परिवार का कहना है कि एक शराब की दुकान उनकी कॉलोनी के अंदर हैं, जहां शराबियों का डेरा रहता है. परिवारों वालों ने इसे हटाने की मांग की. उनके मुताबिक कॉलोनी की कई बच्चियों से रेप और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं बीते कुछ वर्षों में हो चुकी हैं.

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में पड़ोसी युवक ने 8 साल की बच्ची के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है. रेप पीड़िता के माता-पिता बच्ची को घर छोड़कर हरिद्वार कांवड़ लेने गए थे. इसी …

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अल्पावास गृह से 4 लड़कियों ने की भागने की कोशिश, पड़ोसी गिरफ्तार

बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर कॉलोनी में शुक्रवार दोपहर आश्रय होम्स नाम से महिलाओं के लिए बने अल्पावास में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंच गए. पहली बार में तो यह लगा कि मुजफ्फरपुर कांड के बाद जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के सभी बालिका गृह और अल्पावास के जांच के आदेश दिए थे, उसी क्रम में आश्रय होम्स में भी समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे, हालांकि, मामला कुछ और ही निकला. दरअसल, नेपाली नगर में जिस जगह आश्रय होम अल्पावास गृह बना हुआ है, उसके ठीक बगल में एक मकान है जिसमें बनारसी नाम का एक व्यक्ति अपने परिवार वालों के साथ रहता है. बुधवार की रात अल्पावास गृह की खिड़की का जंगला काटकर चार लड़कियों ने भागने की कोशिश की. मगर उनकी यह कोशिश नाकामयाब हो गई जब अल्पावास गृह के गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया. शुक्रवार की सुबह जब पुलिस और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी अल्पावास गृह की जांच करने आए तो उन्होंने पड़ोसी बनारसी को गिरफ्तार कर लिया. बनारसी पर अल्पावास गृह में रहने वाली लड़कियों को भगाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक अल्पावास गृह में 75 महिलाएं रहती हैं जिनमें ज्यादातर मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. पुलिस के मुताबिक बनारसी अल्पावास गृह में रहने वाली महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करता था और उन्हें वहां से भगा कर अपने साथ रखने की बातें किया करता था. पुलिस ने बताया कि अल्पावास गृह में रहने वाली महिलाओं ने बात करने के दौरान बताया कि उन्हें बनारसी लगातार छेड़ता था. अल्पावास गृह के संचालक चिरंतर कुमार ने कहा कि बनारसी लगातार वहां रहने वाली महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनकी शादी कराने की बात करता था और उन्हें भगाने की कोशिश भी किया करता था. हालांकि, अल्पावास गृह के आसपास रहने वाले लोग इस पूरी घटना को लेकर कोई और ही कहानी बता रहे हैं. अल्पावास गृह के पास रहने वाले लोगों ने बताया है कि अक्सर यहां से महिलाओं के चीखने चिल्लाने की आवाज आया करती है.

बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर इलाके के नेपाली नगर कॉलोनी में शुक्रवार दोपहर आश्रय होम्स नाम से महिलाओं के लिए बने अल्पावास में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी जांच के लिए पहुंच गए. पहली बार में तो यह …

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सनातन संस्था का विवादों से है पुराना नाता, लग चुके हैं गंभीर आरोप

सनातन संस्था एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गयी हैं. इस बार विवाद संस्था के सदस्य वैभव राउत से जुड़ा हैं. मुंबई के नालासोपारा में एटीएस ने वैभव राउत के घर और दुकान पर छापेमारी की, इस दौरान करीब 8 बम बरामद किए गए. साथ ही डेटोनेटर और बम बनाने की सामग्री भी मिली है. सनातन संस्था का गठन 1990 में जयंत बालाजी अठावले द्वारा की गयी थी. यह संस्था मुख्यत आध्यात्म, शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में काम करती है. सनातन संस्थान के कार्यकर्ताओं पर पहले भी कई आरोप लगते रहे हैं. इसके संस्थापक जयंत बालाजी अठावले खुद पेशे से हिप्नोथिरेपिस्ट यानी सम्मोहन कला के विशेषज्ञ हैं. गोवा की राजधानी पणजी से करीब 28 किलोमीटर दूर एक गांव में सनातन संस्था का मुख्यालय है. पिछले कुछ सालों से संस्था लगातार विवादों में है. इस संस्था को लेकर भारी बहस भी चली थी कि इसे आतंकी संगठन घोषित किया जाए या नहीं. इस संस्था को प्रतिबन्ध करने को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी. अप्रैल 2017 में महाराष्ट्र विधान परिषद को जानकारी देते हुए ये कहा गया था की राज्य सरकार ने सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भी भेजा था. तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्याओं में कथित भूमिका को लेकर हिंदुत्ववादी संगठन सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग महाराष्ट्र के कई लोग, संस्था और राजनितिक पार्टिया कर रही हैं. पहले भी लगे हैं आरोप इस संस्थान से जुड़े लोगों की गिरफ़्तारी 2007 में घटित वाशी, ठाणे, पनवेल और 2009 में गोवा बम धमाके के लिए किया गया था. सनातन संस्था का नाम नरेंद्र दाभोलकर, एमएम कलबुर्गी, गोविंद पानसरे और गौरी लंकेश की हत्या से भी जुड़ा हैं. महाराष्ट्र पुलिस और सीबीआई जो इन केस का अनुसन्धान कर रही है, पूर्व में इसके संस्थापक जयंत बालाजी अठावले से पूछताछ की थी. हालांकि दिसंबर 2015 में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा को लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी की गोविंद पंसारे, नरेंद्र दाभोलकर और एमएम कलबुर्गी की हत्याओं के बीच किसी भी प्रकार के संबंध का पता चलता हो. इन हत्याओं में कोई संबंध नहीं हैं. साथ में उन्होंने यह भी कहा था की वर्तमान में दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का दावा करने वाली ये संस्था इस तरह के कई विवादों के कारण तर्कशास्त्रियों और लोगो के निशाने में रही हैं. आम लोगों के जेहन में ये सवाल उठने लगे हैं इतने आरोपों के बाद भी सनातन संस्था को अभी तक प्रतिबन्ध क्यों नहीं किया जा रहा हैं.

सनातन संस्था एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गयी हैं. इस बार विवाद संस्था के सदस्य वैभव राउत से जुड़ा हैं. मुंबई के नालासोपारा में एटीएस ने वैभव राउत के घर और दुकान पर छापेमारी की, इस दौरान …

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मेरठ में नाबालिग से दुष्कर्म, बच्ची को लहूलुहान छोड़ भाग निकले आरोपी

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. यहाँ एक समुदाय विशेष के 2 युवकों ने बारह साल की एक नाबालिग लड़की के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया और फिर उसे लहूलुहान छोड़कर …

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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी, दो गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनके निशाने पर बेरोजगार युवक होते थे. ये दोनों ठग ऐसे युवकों को नौकरी देने का झांसा देते फिर उनसे थोड़ा-थोड़ा करके जितना हो सके रकम ऐंठते और फिर गायब हो जाते. पुलिस को जानकारी मिली थी कि अजीत सिंह नाम का आदमी लोगों को रेलवे में मिनिस्ट्री कोटे से नौकरी देने का वादा करता. पहले इस नाम से वो पैसे लेता, फिर कुछ दिनों में वो एक जाली ज्वाइनिंग पेपर देता और फिर पैसे लेता, फिर बाद में वो किसी बहाने से जो जाली पेपर देता था, वो वापस ले लेता और फिर कोई बहाना बना देता. जाली पेपर वापस ले लेने की वजह से सामने वाले के पास किसी तरह का सबूत इस शख्स के खिलाफ नहीं रह जाता. पुलिस को ये भी जानकारी मिली की ये शख्स इस तरह से कई मासूम बेरोजगारों को ठग चुका है. अजीत सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक टीम गठित की जिसे पता लगा कि अजीत सिंह अपने एक साथी के साथ 7 अगस्त को एफसीआई भवन संसद मार्ग के सामने देखा गया है. जिसके बाद पुलिस की टीम ने तुरंत अजीत और उसके साथी विमल को संसद मार्ग से ही पकड़ लिया. पुलिस ने जब उनकी तलाशी ली तो उनके पास से रेलवे और दूसरे सरकारी विभागों के जाली दस्तावेज बरामद हुए. पूछताछ में अजीत सिंह ने कहा कि उसके कोलकाता और उत्तर भारत में एजेंट हैं, जो ऐसे छात्रों को तलाशते जिन्हें सरकारी नौकरी चाहिए होती, वो एजेंट उन्हें झांसा देकर दिल्ली भेजते यहां पर अजीत उन छात्रों का किसी भी सरकारी भवन के आसपास इंतरव्यू करता फिर उनके पैसे लेता था. पुलिस अब पूछताछ में ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन दोनों ने अब तक कितने युवकों को अपना शिकार बनाया है. पुलिस ये भी पता लगाने की कोशिश में है कि इनके तार किसी गैंग से तो नहीं जुड़े हैं.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनके निशाने पर बेरोजगार युवक होते थे. ये दोनों ठग ऐसे युवकों को नौकरी देने का झांसा देते फिर उनसे थोड़ा-थोड़ा करके जितना हो सके रकम ऐंठते …

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अन्धविश्वास: स्वस्थ बच्चे की चाह में कर दिया अपनी ही बेटी का क़त्ल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है, जिसमे एक माता पिता ने अन्धविश्वास में आकर अपने ही शरीर के अंश को मौत के घाट उतार दिया. यह घटना मुरादाबाद के छोड़पुर गांव की है, यहाँ …

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देवरिया कांड पर बोलीं मायावती- BJP राज में महिलाओं की दुर्दशा

बिहार के मुजफ्फरपुर कांड के बाद अब उत्तर प्रदेश का देवरिया सुर्खियों में है, जहां नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार का खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर है और विपक्ष जमकर सरकार की आलोचना कर रहा है. बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना की निंदी की है. उन्होंने कहा कि देवरिया जिले के नारी संरक्षण गृह में महिलाओं के साथ जबर्दस्ती देह व्यापार का घिनौना कांड साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में कितनी ज्यादा अराजकता है और महिलाओं की कितनी दुर्दशा है. मायावती ने ये भी कहा कि यह कांड पूरे देश के लिए ही शर्म व अति-चिन्ता की बात है. मायावती ने कहा कि इस प्रकार की जघन्य घटनाओं से यह साबित होता है कि भाजपा शासित राज्यों में थोड़ा नहीं बल्कि पूरा जंगलराज है. बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम व देवरिया नारी संरक्षण गृह में दुष्कर्म का धन्धा चलाने वालों के खिलाफ सख्त-से-सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण के बिना यह सब अन्याय-अत्याचार व घोर पाप संम्भव ही नहीं है. इसलिए सरकारी अधिकारियों आदि पर भी कार्रवाई काफी सख्त होनी चाहिए, ना कि लीपापोती जैसी कोई बात, जो कि गंभीर से गंभीर घटनाओं में भी भाजपा सरकारों की आम आदत बन गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकारों में ज्यादातर लोग अपने आपको कानून से ऊपर मानने लगे हैं, जिस कारण आम जनता चैन से जी नहीं पा रही है. समाज का हर तबका दुःखी व पीड़ित है. दलितों, पिछड़ों, ईसाई, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा सवर्ण समाज के गरीबों के बाद अब महिलाएं भी शोषण व आतंक का शिकार हो रही हैं जबकि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अन्य गम्भीर समस्याओं के साथ-साथ महिला सुरक्षा के मामले में भी काफी उदासीन नजर आ रहा है, जो देश के लिये बड़ी चिन्ता की बात है.

बिहार के मुजफ्फरपुर कांड के बाद अब उत्तर प्रदेश का देवरिया सुर्खियों में है, जहां नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार का खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर है और विपक्ष जमकर …

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बाहुबली अतीक अहमद के कारनामे पर चला योगी का हंटर

500 बीघे में बन रहे अलीना सिटी पर कसा शिकंजा… विपिन सिंह , वाराणसी. बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ योगी सरकार ने बड़ी कार्यवाही शुरू की है। अतीक अहमद पर शिकंजा कसते हुए उनकी अवैध सम्पत्तियों को जब्त करने काम …

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सिरफिरे आशिक ने सरेआम बेरहमी से किया अपनी प्रेमिका का कत्ल

मुंबई. मुंबई के ठाणे इलाके में एक सिरफिरे प्रेमी ने अपनी प्रेमिका का सरेआम क़त्ल कर दिया. ठाणे के आरटीओ दफ्तर के पास ही प्रेमी ने अपनी प्रेमी के पेट में चाकू घोंप दिया. घटना के तुरंत बाद ही घायल …

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गाजियाबाद: दो दिन से लापता बच्ची की लाश बोरे में मिली, रेप का शक

उत्तर प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रहे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद का है जहां 5 साल की मासूम बच्ची का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक मृतक बच्ची गुरुवार शाम से अपने घर से लापता थी. जिसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत कर मामला दर्ज कराया था. दिल दहला देने वाली यह घटना गाजियाबाद के आदर्श नगर इलाके की है. जहां शनिवार की सुबह यूपी पुलिस ने एक घर की छत पर रखे बोरे से बच्ची का शव बरामद किया. दरअसल, बच्ची के शव को बोरे में बंद कर छत पर रखा गया था. जिसके बाद पड़ोस के लोगों को बदबू महसूस हुई. इसके बाद लोगों ने सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बोरे को खोला तो उसमें बच्ची का शव निकला. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है. पुलिस इस बात की आशंका जता रही है कि बच्ची के साथ पहले रेप किया गया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. बता दें कि गुरुवार शाम बच्ची खेलने के लिए अपने घर के बाहर निकली थी, जिसके बाद वो वापस नहीं लौटी. बच्ची के गायब होने के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के मुताबिक पांच साल की बच्ची एलकेजी की छात्रा थी. परिवार ने पुलिस को बताया, 'बच्ची खेलने के लिए घर से कुछ दूरी पर गई थी, लेकिन वहीं से वो गायब हो गई. इसके बाद आसपास के लोगों से भी उसके बारे पूछताछ की गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया.' परिवार के मुताबिक वहां मौजूद सीसीटीवी में भी वह घर से कुछ दूरी पर खेलती दिखी थी, उसने वहां मौजूद मंदिर से प्रसाद भी लिया था. प्रसाद लेने के बाद वो कहां और कैसे गायब हुई इसका पता नहीं चला. बच्ची के पिता मुकेश एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करते हैं.

उत्तर प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रहे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद का है जहां 5 साल की मासूम बच्ची का शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया. जानकारी …

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