कारोबार

सूरत: 24 करोड़ की इस अंगूठी में जड़े हैं 6690 हीरे, गिनीज बुक में शामिल

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये है. सूरत के हीरा कारोबारी विशाल अग्रवाल की मानें तो मेक इन इंडिया को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के मुख्य मकसद से यह अंगूठी बनाई गई है. इसकी डिजाइन विशाल की पत्नी खुशबु अग्रवाल ने की है. इस लोटस अंगूठी को तैयार करने में 20 कारीगर लगे थे. हीरे में कमल के फूल का डिजाइन को बानाने के लिए सबसे पहले कम्प्यूटर मॉडल बनाया गया. इसके बाद रिंग का कॉन्सेप्टयुलाइजेशन किया गया. फिर फाइनल डिजाइन तैयार होने पर इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई. पूरे एक साल बाद यह अंगूठी बन कर तैयार हुई. इसमें खास बात यह है कि ये 18 कैरेट रोज गोल्ड और 24 फीसदी अलॉय से बनाई गई है. यह 58.176 ग्राम वजन की यानी अंदाजन 6 तोला सोने की बनी है. इस अंगूठी को बनाने वाले व्यापारी विशाल अग्रवाल का कहना है कि जब वह विदेश जाते थे तो वहां वह आउट ऑफ द बॉक्स डिजाइन ज्वैलरी को देखते थे, तब ही ख्याल आया कि मेड इन इंडिया डिजाइन भी कुछ ऐसा होना चाहिए. जिसके बाद इस पर काम करना शुरू किया गया.

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये …

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पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ, डीजल की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं

कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर बदलाव होना शुरू हो गया है. अमेरिका में सप्लाई पर असर पड़ने की वजह से एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती नजर आ रही है. हालांकि बेहतर घरेलू प्रोडक्शन से कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं आया है. ओपेक देशों की जल्द बैठक होने वाली है. उससे पहले कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में फिर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले दो दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि शुक्रवार को ईंधन की कीमतों से राहत तो मिली है, लेक‍िन वो भी ना के बराबर है. आज पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ है. लेक‍िन …

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पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हुई महंगाई दर, रिटेल के बाद थोक में भी इजाफा

पेट्रोल और डीजल व सब्जि‍यों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक मई में थोक महंगाई दर (WPI) 4.43 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले अप्रैल में यह 3.18 फीसदी पर थी. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 फीसदी पर थी. थोक महंगाई दर से पहले आए आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधार (CPI) महंगाई मई में 4.87 फीसदी पर पहुंच गई. अप्रैल महीने में यह 4.58 फीसदी रही थी. खुदरा महंगाई दर बढ़ने के लिए सब्ज‍ियों और दालों के दाम में बढ़ोतरी को वजह बताया गया है. मई महीने में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर भी बढ़ी है. महीने दर महीने के आधार पर मई में खाद्य थोक महंगाई दर 0.67 फीसदी से बढ़कर 1.12 फीसदी पर पहुंच गई. वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई की बात करें, तो महीने दर महीने के आधार पर इसमें भी बढ़ोतरी हुई है. यह 3.11 फीसदी से बढ़कर 3.73 फीसदी पर पहुंच गई है. प्राइमरी आर्ट‍िकल्स की थोक महंगाई को देखें, तो पिछले महीने इसमें भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह 1.41 फीसदी से बढ़कर 3.16 फीसदी रही है. वहीं, बिजली और ईंधन की थोक महंगाई महीने दर महीने आधार पर 7.85 फीसदी से बढ़कर 11.22 फीसदी पर पहुंच गई है. अंडों, मांस और मछली की थोक महंगाई दर भी -0.2 फीसदी से बढ़कर 0.15 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं, दालों की बात करें तो महीने दर महीने के आधार पर मई में दालों की थोक महंगाई -22.46 फीसदी से बढ़कर -21.13 फीसदी पर पहुंच गई है. सब्जियों की बात करें, तो महीने दर महीने के आधार पर सब्जियों की थोक महंगाई दर -0.89 फीसदी से बढ़कर 2.51 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं, आलू की थोक महंगाई 67.94 फीसदी से बढ़कर 81.93 फीसदी पर पहुंची है. इस दौरान महीने दर महीने आधार पर मई में प्याज की थोक महंगाई दर 13.62 फीसदी से घटकर 13.20 फीसदी पर आ गई है.

पेट्रोल और डीजल व सब्जि‍यों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक मई में थोक महंगाई दर (WPI) …

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आज 15 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल पर 14वें दिन इतनी मिली राहत

पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 14वें दिन भी कटौती हुई है. मंगलवार को पेट्रोल जहां 15 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, डीजल की कीमत 11 पैसे प्रति लीटर कम हुई हैं. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 76.43 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां अब पेट्रोल 85 के नीचे आ गया है. मंगलवार को यहां एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 84.26 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता में 84.26 और चेन्नई में इसकी कीमत 79.33 प्रति लीटर है. डीजल की बात करें, तो यह दिल्ली में आज 67.85 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, मुंबई की बात करें, तो यहां पर आपको 72.24 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता में 70.40 और चेन्नई में 71.62 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. पेट्रोल की कीमत में 29 मई से मंगलवार तक दिल्ली में 2 रुपये की कटौती हुई है. कोलकाता में यह 1.96 रुपये प्रति लीटर कीमतें कम हुई हैं. मुंबई में 1.98 और चेन्नई में 2.1 रुपये प्रति लीटर की कटौती अब तक हुई है. डीजल भी इस दौरान दिल्ली में 1.46 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. मुंबई में यह 1.55 प्रति लीटर और कोलकाता में 1.46 और चेन्नई में यह 1.56 रुपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों में राहत मिलने से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी नीचे आई हैं. इससे आम आदमी को हर दिन थोड़ी-थोड़ी राहत मिली है.

पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार 14वें दिन भी कटौती हुई है. मंगलवार को पेट्रोल जहां 15 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. वहीं, डीजल की कीमत 11 पैसे प्रति लीटर कम हुई हैं. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक …

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दिवाली तक 34 हजार पर पहुंच जाएगा सोना? इस वजह से बढ़ेंगे दाम

इस साल दिवाली पर आपके लिए सोना खरीदना महंगा साबित हो सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि दिवाली तक सोना 30 हजार से 34 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच सकता है. इनके मुताबिक डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा रुपया और भू-राजनीतिक तनाव की वजह से सोने के दाम बढ़ सकते हैं. कॉमट्रेंड्ज रिस्क मैनेजमेंट के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, ''इस साल दिवाली तक घरेलू बाजार में सोना 30 हजार से 34000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है. वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1,260 से 1,400 डॉलर प्रति औंस के करीब रह सकती है.'' उन्होंने कहा कि रेट में कटौती का असर मुद्रास्फीति में वृद्ध‍ि के तौर पर दिख सकता है. इससे बुलियन मार्केट में सोने की मांग बढ़ सकती है. इसके अलावा रुपये के डॉलर के मुकाबले अभी और नीचे जाने की आशंका है. ऐसे में दिवाली तक इसका असर सोने की कीमतों पर देखने को मिल सकता है. त्यागराजन ने कहा कि वैश्व‍िक बाजार में सोना रेंज में है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि बॉन्ड यील्ड्स में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके अलावा डॉलर भी मजबूत हो रहा है. इसके अलावा वैश्व‍िक अन‍िश्च‍ितता और भू-राजनीतिक तनाव का असर भी सोने की कीमतों पर दिखेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अगर रेट में कटौती बढ़ती है, तो डॉलर पर दबाव बढ़ सकता है. इससे अमेरिका में व्यापार सुगमता पर असर देखने को मिल सकता है. ऐसे में मुझे लगता है कि दूसरी तिमाही में निवेशक सोने की तरफ रुख कर सकते हैं. इसमें अपना निवेश बढ़ा सकते हैं. वहीं, कमोडिटी एंड करंसी मैनेज‍िंग डायरेक्टर प्रीति राठी का मानना है कि दिवाली तक सोना 31,500 से 31,800 के स्तर पर रह सकता है. उन्होंने भी भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर के कमजोर होने का असर भी सोने की कीमतों पर दिखने की बात कही है. एंजेल ब्रोकिंग के मुख्य विश्लेषक प्रथमेष मलय ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि की काफी ज्यादा संभावना है. इससे सोने में जारी उतार-चढ़ाव सीम‍ित होगा. इससे दिवाली के दौरान सोना 31,500 रुपये के ऊपरी स्तर पर पहुंच सकता है.

इस साल दिवाली पर आपके लिए सोना खरीदना महंगा साबित हो सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि दिवाली तक सोना 30 हजार से 34 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच सकता है. इनके मुताबिक डॉलर के मुकाबले कमजोर …

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12 दिन में 1 रुपये 65 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल की कीमत में भी कटौती

12 दिन में 1 रुपये 65 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल की कीमत में भी कटौती

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार 12वें दिन गिरावट का दौर जारी है. रविवार को पेट्रोल पर 24 पैसे और डीजल पर 18 पैसे की कटौती की गई. बीते 12 दिन में पेट्रोल 1 रुपये 65 पैसे और डीजल …

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टैक्स डिपार्टमेंट ने दी 7000 करोड़ रुपए एक्सपोर्टर्स के जीएसटी रिफंड की मंजूरी

विशेष रिफंड पखवाड़े के पहले 9 दिन में निर्यातकों को 7000 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी रिफंड मंजूर किए गए हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को देर रात एक ट्वीट में यह जानकारी दी. बता दें कि विभिन्न विसंगतियों के चलते निर्यातकों का कुल मिलाकर लगभग 14000 करोड़ रुपए का रिफंड अटका हुआ है. बोर्ड जीएसटी के तहत निर्यातकों के रिफंड मामलों के त्वरित निपटान के लिए विशेष रिफंड पखवाड़े का आयोजन 31 मई से 14 जून 2018 तक कर रहा है. ट्वीट में कहा गया है, ”मौजूदा विशेष पखवाड़े में अब तक 7000 करोड़ रुपए से अधिक के आईजीएसटी / आईटीसी रिफंड मंजूर किए गए हैं.” आईजीएसटी इनपुट क्रेडिट के कम दावों को लेकर व्यावसायियों को नोटिस टैकस विभाग के अधिकारियों ने उन कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू किया है, जिन्होंने जीएसटी नेटवर्क द्वारा उत्पन्न क्रेडिट दावों की तुलना में बिक्री रिटर्न दाखिल करते समय एकीकृत माल एवं सेवाकर (आईजीएसटी) इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए कम दावे किए हैं. अधिकारियों ने कहा कि ये नोटिस इसलिए भेजे जा रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि यह गड़बड़ी कंपनियों द्वारा गलती से हुई है या फिर कर से बचने के लिए ऐसा किया गया है. राजस्व विभाग द्वारा आंकड़ों के विश्लेषण के बाद नोटिस भेजा जा रहा है. विभाग ने उन डीलरों और कंपनियों की सूची तैयार की है , जिन्होंने जीएसटीआर -2 ए में किए गए दावों की तुलना में जीएसटीआर -3 बी में कम इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने का दावा किया है. अधिकारियों ने कहा कि मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर के कई कंपनियों को इस तरह के नोटिस भेजे गए हैं. नोटिस के मुताबिक , जीएसटी अधिकारियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट में अंतर के बारे में पूछा है और करदाताओं से आगामी महीने के रिटर्न में रिफंड या इनपुट क्रेडिट का दावा करने के लिए कहा है. ये विश्लेषण जुलाई से मार्च (2017-18) तक के आंकड़ों के आधार पर किया गया. यह माल एवं सेवा कर लागू होने के बाद के पहले नौ महीने के हैं. जीएसटी परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री ने मार्च में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे आंकड़ों का विश्लेषण करें और पर्याप्त कार्रवाई शुरू करें. ईवाई पार्टनर के अभिषेक जैन ने कहा कि यह विसंगतियां जीएसटीआर -2 ए में दिखाए गए क्रेडिट के कारण हो सकती है जो कि दावे के पात्र नहीं है (जैसे कैब का किराया, खाद्य एवं जलपान). हालांकि, सरकार द्वारा भेजे गए ई – मेल (नोटिस) उन कंपनियों के लिए रचनात्मक इनपुट भी हो सकता है, जो कि क्रेडिट का दावा करना भूल गए थे. आयातकों द्वारा आमतौर पर देश में लाए जाने वाले माल पर एकीकृत माल एवं सेवा कर या आईजीएसटी का भुगतान किया जाता है. यह कर अंतिम उपभोक्ता द्वारा भुगतान किए गए वास्तविक जीएसटी के मुकाबले अलग करके निर्धारित किया जाना चाहिए या फिर रिफंड के रूप में इसका दावा किया जाना चाहिए. विश्लेषण के मुताबिक , आयातकों सहित बड़ी कंपनियों ने आयात पर आईजीएसटी का भुगतान किया लेकिन इसके लिए क्रेडिट का दावा नहीं किया है.

विशेष रिफंड पखवाड़े के पहले 9 दिन में निर्यातकों को 7000 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी रिफंड मंजूर किए गए हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को देर रात एक ट्वीट में यह जानकारी …

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नोटबंदी में बंद 500 और 1000 के नोटों को इस तरह बाजार में लाने जा रहा पाकिस्तान

इस मकसद में भी फेल नोटबंदी, अब पाकिस्तान पुराने नोट से नए भारतीय नोट बनाने जा रहा है. इसके लिए वह नेपाल में फैले आईएसआई के जाल को इस्तेमाल कर रहा है. जहां बेहद सस्ते दामों में प्रतिबंधित करेंसी खरीदकर पाकिस्तान के दो प्रिंटिंग प्रेस में भेजने का काम चल रहा है. भारतीय जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान बड़ी संख्या में नेपाल के रास्ते भारत की नवंबर 2016 में प्रतिबंधित 500 और 1000 रुपये की करेंसी खरीद रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया संगठन आईएसआई नेपाल में स्थित स्मगलर्स की मदद से इस प्रतिबंधित करेंसी को करांची और पेशावर में स्थित प्रिंटिंग प्रेस पहुंचाने का काम कर रहा है. गौरतलब है कि नोटबंदी का ऐलान करते वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान 500 और 1000 रुपये की नकली भारतीय करेंसी बनाकर आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित कर रहा है. लिहाजा, नोटबंदी का फैसला बेहद अहम है और इससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में आतंकवाद पर लगाम लगेगा. सूत्रों ने दावा किया है कि भारत में फिलहाल संचालित 50 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये की नई करेंसी की हूबहू नकल निकालने की तैयारी में जुटा है. इसी काम के लिए वह बड़ी संख्या में नेपाल के रास्ते भारत की प्रतिबंधित करेंसी को खरीद रहा है. दरअसल, पाकिस्तान पुरानी करेंसी को अपने प्रिंटिंग प्रेस पहुंचाकर उसमें लगे सिक्योरिटी वायर को निकालने की तैयारी में है. जिससे इस वायर का इस्तेमाल वह भारत की नई करेंसी की नकल बनाने में कर सके. जानकारों का दावा है कि पुरानी करेंसी में लगे सिक्योरिटी वायर को नकली करेंसी में लगाने से वह हूबहू असली करेंसी की तरह लगने लगेगी. इस साजिश के तहत नेपाल में स्थित कई संदिग्ध लोग भारत की प्रतिबंधित करेंसी को भारत अथवा नेपाल में एकत्र कर पाकिस्तान भेजने के काम में लगे हैं. खुफिया विभाग का दावा है कि पाकिस्तान के जिन प्रिंटिंग प्रेस में भारत की प्रतिबंधित करेंसी को भेजा जा रहा है उसी प्रिंटिंग प्रेस में पाकिस्तीन की करेंसी भी छापी जाती है. इसके अलावा इन दोनों प्रेस में पाकिस्तान भारत की करेंसी की नकल बनाने का काम भी करती रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर तैनाती बढ़ा दी है और पुरानी करेंसी के देश से बाहर जाने की संभावनाओं पर अलर्ट भी जारी किया है.

इस मकसद में भी फेल नोटबंदी, अब पाकिस्तान पुराने नोट से नए भारतीय नोट बनाने जा रहा है. इसके लिए वह नेपाल में फैले आईएसआई के जाल को इस्तेमाल कर रहा है. जहां बेहद सस्ते दामों में प्रतिबंधित करेंसी खरीदकर …

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पेट्रोल 9वें दिन भी हुआ सस्ता, आज इतनी मिली आपको राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन यह ज्यादा राहत देने वाली साबित नहीं हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटने के तौर पर मिल रहा है. इस कटौती के बाद चार महानगरों की बात करें, तो सबसे सस्ता पेट्रोल फिलहाल दिल्ली में मिल रहा है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 77.63 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. वहीं, डीजल यहां 68.73 प्रति लीटर पर बना हुआ है. हालांकि मुंबई में अभी भी यह 85 रुपये के स्तर पर काबिज है. गुरुवार को हुई कटौती के बाद यहां एक लीटर पेट्रोल 85.45 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की बात करें तो वह 73.17 रुपये प्रति लीटर पर है. 19 दिन तक लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पिछले 9 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का स‍िलस‍िला जारी है. हालांकि कीमतों में मिल रही यह राहत काफी कम है. पिछले 9 दिन में राजधानी दिल्‍ली में पेट्रोल 80 पैसे और डीजल 58 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. कर्नाटक चुनाव से पहले और उसके बाद जिस रफ्तार से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, उसके मुकाबले इनकी कीमतों में गिरावट काफी कम है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन …

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RBI ने बढ़ाईं ब्याज दरें, तो आपकी जेब पर ऐसे पड़ेगा असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज ब्याज दरों को बढ़ाने और घटाने को लेकर अपने फैसले की घोषणा करेगा. इससे पहले कई अर्थशास्त्र‍ियों ने संभावना जताई है कि आरबीआई इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. वहीं, कई इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि इस बार भी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. भारतीय र‍िजर्व बैंक ब्याज दरों को लेकर क्या फैसला लेता है, यह तो दोपहर बाद ही साफ हो पाएगा. लेक‍िन अगर आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है, तो इससे आपकी जेब पर असर पड़ना तय है. रेपो रेट बढ़ने से आपके लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. रेपो रेट बढ़ने पर आपकी जेब पर पड़ने वाले असर को समझने के लिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि रेपो रेट होता क्या है. रेपो रेट क्या है? रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से लोन उठाते हैं. दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसे लेते हैं. आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है. यही रेट रेपो रेट कहलाता है. इसे भारतीय र‍िजर्व बैंक ही तय करता है. रेपो रेट क्यों बढ़ाता है आरबीआई? भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती या बढ़ोतरी करने का फैसला मौजूदा और भव‍िष्य में अर्थव्यवस्था के संभावित हालात के आधार पर लेता है. केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी ज्यादातर समय पर तब करता है, जब देश में महंगाई का दबाव बना रहता है. ऐसे में इसे नियंत्रण में लाने के लिए रेपो रेट अहम साधन बनता है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने से महंगाई को काबू रखने में मदद मिलती है. जब भी आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक उससे कम कर्ज लेते हैं. ऐसा होने की वजह से चलन में मनी सप्लाई कम होती है. इससे महंगाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है. आप पर होता है ये असर रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक आरबीआई से जो फंड लेंगे, उन्हें वह महंगी दरों पर मिलेगा. इससे बैंकों पर दबाव बढ़ता है. अपने बोझ को कम करने के लिए बैंक इसे ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. यह बोझ आपके साथ महंगे कर्ज और बढ़ी हुई ईएमआई के तौर पर बांटा जाता है. इसी वजह से जब भी रेपो रेट बढ़ता है, तो आपके लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है. अगर कम हुआ तो... अगर रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों के लिए आरबीआई से फंड उठाना सस्ता पड़ता है. इससे बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते में कर्ज देने के लिए प्रेरित होते हैं. रेपो रेट घटाने के बाद वे ब्याज दरों में कटौती करते हैं. अब देखना होगा कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक आपको सस्ते कर्ज का तोहफा देता है या फिर आपके लिए लोन लेना महंगा होगा. संभावना ये भी जताई जा रही है कि रेपो रेट में पिछली तीन बार की तरह ही इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज ब्याज दरों को बढ़ाने और घटाने को लेकर अपने फैसले की घोषणा करेगा. इससे पहले कई अर्थशास्त्र‍ियों ने संभावना जताई है कि आरबीआई इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. वहीं, कई इकोनॉमिस्ट्स का कहना …

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