बन गयी फिल्मों कि हीरोइन, ऑडिशन देने गयी थी बहुत डरते हुए:  

विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी पटाखा इसी शुक्रवार को रिलीज हो रही है. फिल्म दो बहनों की कहानी है. इसमें एक ऐसी एक्ट्रेस भी है जो पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आएंगी. इससे पहले उन्होंने टीवी शो “मेरी आशिकी तुमसे ही” में काम किया. उनके काम को खूब सराहा गया. जी हां, ये एक्ट्रेस कोई और नहीं राधिका मदान हैं. आज तक से ख़ास बातचीत में राधिका मदान ने अपनी अब तक की जर्नी के बारे में बात की.

विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बनी पटाखा इसी शुक्रवार को रिलीज हो रही है. फिल्म दो बहनों की कहानी है. इसमें एक ऐसी एक्ट्रेस भी है जो पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आएंगी. इससे पहले उन्होंने टीवी शो "मेरी आशिकी तुमसे ही" में काम किया. उनके काम को खूब सराहा गया. जी हां, ये एक्ट्रेस कोई और नहीं राधिका मदान हैं. आज तक से ख़ास बातचीत में राधिका मदान ने अपनी अब तक की जर्नी के बारे में बात की.  राधिका मदान ने पटाखा में अपने किरदार को लेकर बताया, "फिल्म में काम मिलना एक ड्रीम जैसा है. हाल ही में हमलोग एक पार्टी में थे तो सब लोग सान्या को बधाई दे रहे थे. वहां कोई भी मुझे नहीं पहचान रहा था. लेकिन सब उस किरदार की तारीफ़ कर रहे थे जिन्होंने ट्रेलर देखा. जो कि एक अच्छी बात भी है. क्योंकि लोग उस किरदार की सराहना कर रहे थे."  टीवी से फिल्मों में आने को लेकर राधिका ने कहा, "एक्टिंग की वजह से काम जरूर मिल जाता है. दर्शक भी काफी स्मार्ट हो गए हैं. मैंने काफी मेहनत की है. मुझे हमेशा कहा गया कि मेरा चेहरा काफी कॉमर्शियल है. मुझे हिरोइन नहीं एक बढ़िया एक्टर ही बनना है."    अपने एक्टर बनने के सवाल पर राधिका ने कहा, "मैंने कभी ऐसा फैसला नहीं किया था. बस ये किस्मत में था. मैं डांस किया करती थी. मुझे एक बार फेसबुक पर एक बार ऑडिशन का मैसेज आया. उस समय मैं गुमराह और क्राइम पेट्रोल बहुत देखा करती थी. मुझे लगा कि कोई घपला है. फिर मैं अपने दोस्तों के साथ ऑडिशन पर गई."  राधिका ने बताया, "मैंने अपने दोस्तों को बोल रखा था कि मैं अंदर जाउंगी और कुछ भी गड़बड़ हुई तो हॉकी लेकर वो लोग अंदर आ जाएं. सबकी पिटाई करें. लेकिन जब मैं अंदर गई तो वहां सच में ऑडिशन चल रहे थे. मैंने ऑडिशन दिया. फिर मुंबई बुलाया गया. ऑडिशन हुआ और मैं शो में सिलेक्ट हो गई. उसके बाद मेरा सफर शुरू हो गया."  एक्टिंग के लिए कब सीरियस हुई के सवाल पर राधिका ने बताया, "जब मैं मुंबई आई तो 18-19 साल की थी. काफी काम करवाया जाता था. मैं रोती भी थी. लेकिन काम के चार महीने बाद मैं सीरियस हुई. उसके बाद एक्टिंग सीख ली. कॉन्ट्रैक्ट में थी. डांस और एक्टिंग में बहुत समानता है. उसको मैं एन्जॉय करने लगती और उसके बाद मजा आने लगा."  राधिका के मुताबिक, "मेरा टीवी शो 'मेरी आशिकी तुमसे ही' जब ख़त्म हुआ तो मैं ब्रेक पर थी. मैंने उस समय मुकेश छाबड़ा के साथ ऑडिशन भी किया. मुझे मर्द को दर्द नहीं होता फिल्म मिली और फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया."  पटाखा में काम मिलने के सवाल पर राधिका ने बताया, "मैं दिसंबर में फिल्म मर्द को दर्द नहीं होता की शूटिंग कर रही थी. उसी समय मुझे कास्टिंग कंपनी से फ़ोन आया और ऑडिशन की बात की गई. मैंने ऑडिशन दे दिया और गोवा चली गई थी. गोवा में दूसरे दिन ही मुझे कास्टिंग एजेंसी से कॉल आया कि विशाल सर कल आपसे मिलना चाहते हैं. 4 सीन आप तैयार करके लाइयेगा. मैंने अगले दिन की ही फ्लाइट ली और पूरे रास्ते पागलों की तरह सीन की तैयारी कर रही थी. सब लोगों को लग रहा कि मैं पागल हूं. मुंबई आकर विशाल सर के सामने सीन परफॉर्म किया और सेलेक्शन हो गया."  राधिका ने बताया, "कम लोगों से मिलना हुआ. लेकिन मैंने कहानियां बहुत सुनी हैं. लेकिन बहुत से लोग हैं जो काम भी दिलाते हैं."  मर्द को दर्द नहीं होता को लेकर राधिका ने कहा, "काफी अर्बन और स्टाइलिश फिल्म है ये. अभी टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड भी मिला है. दर्शक काफी पसंद कर रहे थे, ट्रेलर को भी काफी पसंद किया गया है."

 

राधिका मदान ने पटाखा में अपने किरदार को लेकर बताया, “फिल्म में काम मिलना एक ड्रीम जैसा है. हाल ही में हमलोग एक पार्टी में थे तो सब लोग सान्या को बधाई दे रहे थे. वहां कोई भी मुझे नहीं पहचान रहा था. लेकिन सब उस किरदार की तारीफ़ कर रहे थे जिन्होंने ट्रेलर देखा. जो कि एक अच्छी बात भी है. क्योंकि लोग उस किरदार की सराहना कर रहे थे.”

टीवी से फिल्मों में आने को लेकर राधिका ने कहा, “एक्टिंग की वजह से काम जरूर मिल जाता है. दर्शक भी काफी स्मार्ट हो गए हैं. मैंने काफी मेहनत की है. मुझे हमेशा कहा गया कि मेरा चेहरा काफी कॉमर्शियल है. मुझे हिरोइन नहीं एक बढ़िया एक्टर ही बनना है.”  

अपने एक्टर बनने के सवाल पर राधिका ने कहा, “मैंने कभी ऐसा फैसला नहीं किया था. बस ये किस्मत में था. मैं डांस किया करती थी. मुझे एक बार फेसबुक पर एक बार ऑडिशन का मैसेज आया. उस समय मैं गुमराह और क्राइम पेट्रोल बहुत देखा करती थी. मुझे लगा कि कोई घपला है. फिर मैं अपने दोस्तों के साथ ऑडिशन पर गई.”

राधिका ने बताया, “मैंने अपने दोस्तों को बोल रखा था कि मैं अंदर जाउंगी और कुछ भी गड़बड़ हुई तो हॉकी लेकर वो लोग अंदर आ जाएं. सबकी पिटाई करें. लेकिन जब मैं अंदर गई तो वहां सच में ऑडिशन चल रहे थे. मैंने ऑडिशन दिया. फिर मुंबई बुलाया गया. ऑडिशन हुआ और मैं शो में सिलेक्ट हो गई. उसके बाद मेरा सफर शुरू हो गया.”

एक्टिंग के लिए कब सीरियस हुई के सवाल पर राधिका ने बताया, “जब मैं मुंबई आई तो 18-19 साल की थी. काफी काम करवाया जाता था. मैं रोती भी थी. लेकिन काम के चार महीने बाद मैं सीरियस हुई. उसके बाद एक्टिंग सीख ली. कॉन्ट्रैक्ट में थी. डांस और एक्टिंग में बहुत समानता है. उसको मैं एन्जॉय करने लगती और उसके बाद मजा आने लगा.”

राधिका के मुताबिक, “मेरा टीवी शो ‘मेरी आशिकी तुमसे ही’ जब ख़त्म हुआ तो मैं ब्रेक पर थी. मैंने उस समय मुकेश छाबड़ा के साथ ऑडिशन भी किया. मुझे मर्द को दर्द नहीं होता फिल्म मिली और फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया.”

पटाखा में काम मिलने के सवाल पर राधिका ने बताया, “मैं दिसंबर में फिल्म मर्द को दर्द नहीं होता की शूटिंग कर रही थी. उसी समय मुझे कास्टिंग कंपनी से फ़ोन आया और ऑडिशन की बात की गई. मैंने ऑडिशन दे दिया और गोवा चली गई थी. गोवा में दूसरे दिन ही मुझे कास्टिंग एजेंसी से कॉल आया कि विशाल सर कल आपसे मिलना चाहते हैं. 4 सीन आप तैयार करके लाइयेगा. मैंने अगले दिन की ही फ्लाइट ली और पूरे रास्ते पागलों की तरह सीन की तैयारी कर रही थी. सब लोगों को लग रहा कि मैं पागल हूं. मुंबई आकर विशाल सर के सामने सीन परफॉर्म किया और सेलेक्शन हो गया.”

राधिका ने बताया, “कम लोगों से मिलना हुआ. लेकिन मैंने कहानियां बहुत सुनी हैं. लेकिन बहुत से लोग हैं जो काम भी दिलाते हैं.”

मर्द को दर्द नहीं होता को लेकर राधिका ने कहा, “काफी अर्बन और स्टाइलिश फिल्म है ये. अभी टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड भी मिला है. दर्शक काफी पसंद कर रहे थे, ट्रेलर को भी काफी पसंद किया गया है.”

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