‘US प्रतिबंध के बावजूद रूस से एस-400 सौदे को आगे बढ़ाएगा भारत’

रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने उसके साथ सहयोग आगे जारी रखने की मंशा साफ जाहिर कर दी है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में समय की कसौटी पर खरा उतरा भारत-रूसी सहयोग आगे बढ़ेगा. भारत-रूस के साथ वायुसेना के लिए एस-400 ट्रायंफ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सौदा भी और मजबूती के साथ जारी रखेगा.रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने उसके साथ सहयोग आगे जारी रखने की मंशा साफ जाहिर कर दी है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में समय की कसौटी पर खरा उतरा भारत-रूसी सहयोग आगे बढ़ेगा. भारत-रूस के साथ वायुसेना के लिए एस-400 ट्रायंफ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सौदा भी और मजबूती के साथ जारी रखेगा.  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''अमेरिका के साथ हमारे सारे संवाद में, हमने स्पष्ट रूप से बताया है कि भारत व रूस का रक्षा सहयोग लंबे समय से कैसा रहा है और यह समय की कसौटी पर खरा उतरा पुराना रिश्ता है. हमने कहा है कि सीएएटीएसए का असर भारत-रूस रक्षा सहयोग पर नहीं पड़ सकता है."  भारत-रूस के बीच कुडनकुलम की दो यूनिटों सहित 5 समझौते, NSG सदस्यता पर भी पुतिन का साथ  बता दें कि भारत- रूस से वायु सेना के लिए एस-400 ट्रायंफ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है. भारत चाहता है कि रूस के साथ उसके रक्षा क्षेत्र के रिश्तों को अमेरिका के कड़े सीएएटीएसए कानून से छूट मिले.  PM मोदी ने पुतिन को याद दिलाई अटल से मुलाकात, कहा- आप 18 सालों से हमारे करीब   भारत अगले महीने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठा सकता है.सीतारमण ने यह भी कहा कि रूस से भारत काफी मात्रा में रक्षा आस्तियां खरीदता है और दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहेगा.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”अमेरिका के साथ हमारे सारे संवाद में, हमने स्पष्ट रूप से बताया है कि भारत व रूस का रक्षा सहयोग लंबे समय से कैसा रहा है और यह समय की कसौटी पर खरा उतरा पुराना रिश्ता है. हमने कहा है कि सीएएटीएसए का असर भारत-रूस रक्षा सहयोग पर नहीं पड़ सकता है.”

बता दें कि भारत- रूस से वायु सेना के लिए एस-400 ट्रायंफ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है. भारत चाहता है कि रूस के साथ उसके रक्षा क्षेत्र के रिश्तों को अमेरिका के कड़े सीएएटीएसए कानून से छूट मिले.

भारत अगले महीने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठा सकता है.सीतारमण ने यह भी कहा कि रूस से भारत काफी मात्रा में रक्षा आस्तियां खरीदता है और दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रहेगा.

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