कारोबार

पेट्रोल 9वें दिन भी हुआ सस्ता, आज इतनी मिली आपको राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन यह ज्यादा राहत देने वाली साबित नहीं हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटने के तौर पर मिल रहा है. इस कटौती के बाद चार महानगरों की बात करें, तो सबसे सस्ता पेट्रोल फिलहाल दिल्ली में मिल रहा है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 77.63 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. वहीं, डीजल यहां 68.73 प्रति लीटर पर बना हुआ है. हालांकि मुंबई में अभी भी यह 85 रुपये के स्तर पर काबिज है. गुरुवार को हुई कटौती के बाद यहां एक लीटर पेट्रोल 85.45 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की बात करें तो वह 73.17 रुपये प्रति लीटर पर है. 19 दिन तक लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पिछले 9 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का स‍िलस‍िला जारी है. हालांकि कीमतों में मिल रही यह राहत काफी कम है. पिछले 9 दिन में राजधानी दिल्‍ली में पेट्रोल 80 पैसे और डीजल 58 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. कर्नाटक चुनाव से पहले और उसके बाद जिस रफ्तार से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, उसके मुकाबले इनकी कीमतों में गिरावट काफी कम है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन …

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RBI ने बढ़ाईं ब्याज दरें, तो आपकी जेब पर ऐसे पड़ेगा असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज ब्याज दरों को बढ़ाने और घटाने को लेकर अपने फैसले की घोषणा करेगा. इससे पहले कई अर्थशास्त्र‍ियों ने संभावना जताई है कि आरबीआई इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. वहीं, कई इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि इस बार भी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. भारतीय र‍िजर्व बैंक ब्याज दरों को लेकर क्या फैसला लेता है, यह तो दोपहर बाद ही साफ हो पाएगा. लेक‍िन अगर आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है, तो इससे आपकी जेब पर असर पड़ना तय है. रेपो रेट बढ़ने से आपके लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. रेपो रेट बढ़ने पर आपकी जेब पर पड़ने वाले असर को समझने के लिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि रेपो रेट होता क्या है. रेपो रेट क्या है? रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से लोन उठाते हैं. दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसे लेते हैं. आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है. यही रेट रेपो रेट कहलाता है. इसे भारतीय र‍िजर्व बैंक ही तय करता है. रेपो रेट क्यों बढ़ाता है आरबीआई? भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती या बढ़ोतरी करने का फैसला मौजूदा और भव‍िष्य में अर्थव्यवस्था के संभावित हालात के आधार पर लेता है. केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी ज्यादातर समय पर तब करता है, जब देश में महंगाई का दबाव बना रहता है. ऐसे में इसे नियंत्रण में लाने के लिए रेपो रेट अहम साधन बनता है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने से महंगाई को काबू रखने में मदद मिलती है. जब भी आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक उससे कम कर्ज लेते हैं. ऐसा होने की वजह से चलन में मनी सप्लाई कम होती है. इससे महंगाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है. आप पर होता है ये असर रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंक आरबीआई से जो फंड लेंगे, उन्हें वह महंगी दरों पर मिलेगा. इससे बैंकों पर दबाव बढ़ता है. अपने बोझ को कम करने के लिए बैंक इसे ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. यह बोझ आपके साथ महंगे कर्ज और बढ़ी हुई ईएमआई के तौर पर बांटा जाता है. इसी वजह से जब भी रेपो रेट बढ़ता है, तो आपके लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है. अगर कम हुआ तो... अगर रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों के लिए आरबीआई से फंड उठाना सस्ता पड़ता है. इससे बैंक अपने ग्राहकों को सस्ते में कर्ज देने के लिए प्रेरित होते हैं. रेपो रेट घटाने के बाद वे ब्याज दरों में कटौती करते हैं. अब देखना होगा कि बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक आपको सस्ते कर्ज का तोहफा देता है या फिर आपके लिए लोन लेना महंगा होगा. संभावना ये भी जताई जा रही है कि रेपो रेट में पिछली तीन बार की तरह ही इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज ब्याज दरों को बढ़ाने और घटाने को लेकर अपने फैसले की घोषणा करेगा. इससे पहले कई अर्थशास्त्र‍ियों ने संभावना जताई है कि आरबीआई इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. वहीं, कई इकोनॉमिस्ट्स का कहना …

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लगातार सातवें दिन घटे पेट्रोल-डीजल के दाम, आज इतनी मिली आपको राहत

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आ रही कमी का फायदा अब पेट्रोल और डीजल के दाम घटने के तौर पर मिलना शुरू हो गया है. मंगलवार को लगातार सातवें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम घटे हैं. हालांकि जिस रफ्तार से ईंधन के दाम बढ़े थे, उस गति से इनके दामों में कटौती नहीं हो रही है. पेट्रोल और डीजल के दाम बे‍तहाशा बढ़ने के बाद इनके दामों में कटौती काफी कम हुई है. पिछले सात दिनों के भीतर दिल्ली में पेट्रोल 60 पैसे सस्ता हुआ है. डीजल की बात करें, तो इसके दाम में 43 पैसे की कमी आई है. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 13 पैसे घटी है. इस कटौती के साथ दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 77.83 रुपये देने होंगे. अन्य मेट्रो शहरों की बात करें, तो मुंबई में पेट्रोल अभी भी 85 रुपये के पार बना हुआ है. यहां एक लीटर पेट्रोल के लिए 85.65 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. दिल्ली, मुंबई के अलावा कोलकाता में 80.47 रुपये और चेन्नई में 80.80 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है. वहीं, डीजल की कीमतों में भी 9 पैसे की कटौती मंगलवार को हुई है. मंगलवार को दिल्ली में डीजल 68.88 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. कोलकाता में इसकी कीमत 71.43 रुपये पर बनी हुई है. मुंबई में आपको 73.33 रुपये इसके लिए चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, चेन्नई में इसके लिए आपको 72.72 रुपये प्रति लीटर देने होंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कटौती शुरू हो गई है. कच्चे तेल की कीमतों में 6 फीसदी से ज्यादा की कटौती हुई है. हालांक‍ि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी आसमान पर पहुंची हुई हैं. सरकार लगातार कह रही है कि वह ईंधन की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए रास्ते तलाश रही है, लेकिन फिलहाल कोई कदम उसकी तरफ से नहीं उठाया गया है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आ रही कमी का फायदा अब पेट्रोल और डीजल के दाम घटने के तौर पर मिलना शुरू हो गया है. मंगलवार को लगातार सातवें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम घटे हैं. …

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नोटबंदी के बाद 24,000 करोड़ का काला पैसा जमा

बता दें कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि को लेकर सरकार की ओर से जारी डेटा में यह बात कही गई है. देश में ब्लैक मनी के फ्लो को काबू करने और अवैध एवं बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा …

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अब होगा दवाओं के दामों पर सरकार का नियंत्रण

दिल्ली: इस माह के अंत तक देश में दवाओं की कीमतें तय करने के मामले में एक व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है. इस बदलाव के लिए सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में एक नए प्राइस इंडेक्स को भी …

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अपनी आधी से अधिक संपत्ति दान करेंगे नंदन नीलेकणि

न्यूयार्क : यह भारत के लिए गर्व के साथ आश्चर्य का विषय है कि आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन निलेकणि, उनकी पत्नी रोहिणी निलेकणि और भारतीय मूल के तीन उद्योगपतियों ने अपनी आधी से अधिक संपत्ति परमार्थ कार्यों के लिए …

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सेंसेक्स में गिरावट

नई दिल्ली: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ हुई. शुरुआती कारोबार में ऑटो, आईटी, फार्मा शेयरों में तेजी से बाजार में तेजी का माहौल है. कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 51.60 अंक यानी 0.15 फीसदी बढ़कर …

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GDP आंकड़ों के बाद बाजार में तेजी, सेंसेक्स 61 और निफ्टी 12 अंक तेज

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए. जीडीपी आंकड़ों के बाद शुक्रवार को बाजार ने तेजी के साथ शुरुआत की है. जीडीपी का बेहतर अनुमान और वैश्व‍िक बाजार से म‍िले मजबूत संकेतों के बूते बाजार मजबूत हुआ है. इस कारोबारी हफ्ते के आख‍िरी दिन फिलहाल (9.30AM) सेंसेक्स 67.91 अंकों की बढ़त के साथ 35,390.29 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी की बात करें, तो यह 11.75 अंकों की बढ़त के साथ 10,747.90 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. शुरुआती कारोबार में बैंक और ऑटो शेयरों में बढ़त देखने को म‍िल रही है. दूसरी तरफ ओएनजीसी और गेल के शेयरों में गिरावट नजर आ रही है. निफ्टी 50 पर आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 3.83 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. रुपया कमजोर: इस कारोबारी हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी दिन रुपये ने कमजोर शुरुआत की है. डॉलर के मुकाबले यह 4 पैसे गिरकर 67.45 के स्तर पर खुला है. गुरुवार की बात करें, तो चौथे कारोबारी दिन रुपया 2 पैसे की हल्की बढ़त के साथ 67.41 के स्तर पर बंद हुआ. कारोबार की शुरुआत रुपये ने 1 पैसे की सपाट बढ़त के साथ 67.42 के स्तर पर की थी.

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए. जीडीपी आंकड़ों के बाद शुक्रवार को बाजार ने तेजी के साथ शुरुआत की है. जीडीपी का बेहतर अनुमान और वैश्व‍िक बाजार से म‍िले मजबूत संकेतों के बूते बाजार मजबूत हुआ …

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मई में घटा GST कलेक्शन, 94 हजार करोड़ कुल टैक्स हुआ जमा

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को मई के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मई में जीएसटी कलेक्शन अप्रैल की तुलना में कम है. अप्रैल में जीएसटी के तहत मिले टैक्स ने 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार किया था. इस दौरान यह 1,03,458 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि मई में प्राप्त कुल टैक्स वित्त वर्ष 2017-18 के औसत मासिक संग्रह से ज्यादा है. यह संग्रह 89,885 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है. वित्त सचिव और राजस्व सचिव हसमुख अध‍िया ने ट्वीट कर मई महीने के जीएसटी कलेक्शन की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ''यह कलेक्शन ई-वे बिल के लागू होने के बाद बेहतर अनुपालन को दर्शाता है.'' इस दौरान उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अप्रैल से 31 मई तक 62.46 लाख रिटर्न भरे गए. जो कि मार्च से 30 अप्रैल तक भरे गए रिटर्न 60.47 लाख से ज्यादा है. पिछले साल जुलाई में लागू किए जाने के बाद जीएसटी कलेक्शन में लगातार उतार-चढ़ाव नजर आ रहा था, लेक‍िन अप्रैल में कलेक्शन ने एक नया रिकॉर्ड बनाया. लॉन्च के बाद से यह पहली बार था, जब किसी महीने में जीएसटी के तहत कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा.

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को …

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सेंसेक्स में 110 अंकों की तेजी

नई दिल्ली :  वैश्विक बाजार से मिले संकेतों और एशियाई बाजारों में बढ़त से गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई. कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 177.70 अंक यानी 0.51 फीसदी बढ़कर 35,083.81 पर और निफ्टी 55.75 …

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