घर में शीशा रखना या लगाना आम बात है. यह न केवल उपयोगी होता है बल्कि कई बार सजावट का भी हिस्सा बन जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शीशा रखने के कुछ नियम हैं? अगर शीशा का इस्तेमाल गलत दिशा या स्थान पर किया जाए तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक परेशानी का कारण भी बन सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार शीशा कहां रखना शुभ होता है और कहां नहीं लगाना चाहिए…
इन जगहों पर शीशा लगाना होता है अशुभ-
दक्षिण-पूर्व दिशा में
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व की दिशा है. इस दिशा में शीशा लगाने से परिवार में कलह और तनाव बढ़ सकता है. घर परिवार का सुख-शांति प्रभावित हो सकती है और रिश्तों में अड़चन आ सकती है.
घर के मुख्य द्वार पर
घर के मुख्य द्वार पर लगा शीशा घर की सकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल देता है. इससे बिजनेस में हानि हो सकती है और आर्थिक संकट आ सकता है. परिवार में मतभेद भी बढ़ सकती है.
टूटा या धुंधला शीशा
घर में टूटा हुआ शीशा वास्तु दोष उत्पन्न करता है. इससे मानसिक तनाव और दुर्भाग्य से घर में परेशानियां बढ़ती हैं. इस लिए ऐसा दर्पण जिसमें चेहरा साफ दिखाई न दे, उसे फेंक देना चाहिए.
इन जगहों पर शीशा लगाना होता है शुभ
उत्तर-पूर्व दिशा को शुभता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. यहां शीशा का उपयोग करने से घर में समृद्धि और धन लाभ होता है.