कोलकाता : नए उद्यमी सबसे अधिक भारत में निवेश कर रहे हैं क्योंकि यहां संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं। भारत की लोकतांत्रिक मजबूती केवल संस्थाओं में नहीं, बल्कि इसकी सांस्कृतिक धरोहर और जनता के विश्वास में निहित है। यह बातें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कोलकाता में कही। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स की 125वीं वर्षगांठ पर आयाेजित विशेष कार्यक्रम ‘भारत@100: एन एज आफ ए न्यू डाउन (India@100: An Age of a New Dawn)’ काे संबाेधित कर रहे थे। इस अवसर पर उद्योग जगत के कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने भारत की आर्थिक प्रगति और स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने की दिशा में उसकी आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए ओम बिरला ने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व नेतृत्वकर्ताओं की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के उद्योग और सेवा क्षेत्र में योगदान ने देश की सामाजिक–आर्थिक उन्नति को नई दिशा दी। बिरला ने स्वतंत्रता–पूर्व काल में चैंबर की यात्रा को भी महत्वपूर्ण बताया, जब कोलकाता पूरे देश का प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र हुआ करता था। उन्होंने भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स को देश के अन्य वाणिज्य संगठनों के लिए प्रेरणा बताते हुए इसके सामाजिक सरोकारों और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी में अग्रणी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि नए उद्यमी सबसे अधिक भारत में निवेश कर रहे हैं क्योंकि यहां संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 1952 के पहले आम चुनाव से लेकर आज तक मतदाता सहभागिता लगातार बढ़ी है, जो भारतीय लोकतंत्र में जनता की आस्था को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि विविधताओं से भरा भारत अपनी पारदर्शी शासन व्यवस्था और मजबूत लोकतांत्रिक ढांचे के कारण वैश्विक निवेशकों का भरोसेमंद केंद्र बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि सरकार न्यूनतम शासन और अधिकतम सुशासन के सिद्धांत पर काम करते हुए औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने निजी क्षेत्र से अनुसंधान एवं विकास में अधिक निवेश करने का आग्रह किया और कहा कि भारत को वैश्विक नवाचार नेतृत्वकर्ता बनाने के लिए सरकार इस क्षेत्र में हर संभव सहयोग कर रही है।
इस अवसर पर भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नरेश पचिसिया, मुख्य संरक्षक एच. एम. बांगुर और 125वीं वर्षगांठ समारोह समिति के अध्यक्ष डॉ. एनजी खेतान ने भी अपने विचार रखे।
गौरतलब है कि, वर्ष 1900 में स्थापित भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स पूर्वी भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित व्यापारिक संगठनों में से एक है, जिसने पिछले 125 वर्षों में उद्योग और नीति के बीच महत्त्वपूर्ण सेतु की भूमिका निभाई है।———
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