लखनऊ : भारतरत्न बोधिसत्व डॉ.भीमराव आंबेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अंबेडकर महासभा जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही अस्थि कलश के दर्शन भी किये। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि भीमराव आंबेडकर ने संविधान द्वारा नागरिकों को जो दायित्व और अधिकार दिये हैं उसका लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुये व्यक्ति तक पहुंचे, जिससे उसे लगे कि स्वराज है। बाबा साहब संविधान के शिल्पकार हैं। यह कहना आसान है, पर सबकी सुनकर और सहमति के आधार पर संविधान का निर्माण करना वास्तव में मुश्किल काम है। बाबा साहेब का मानना था कि हमें छोटी-छोटी बातों पर उलझना या टकराना नहीं चाहिये बल्कि सौहार्दपूर्ण तरीके से समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ऐसे महामानव थे जिन्होंने समतामूलक समाज के निर्माण तथा दबे-कुचले एवं वंचित समाज को सत्ता में आगे बढ़ाने का काम किया। बाबा साहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति की पहली किस्त भेजी जा चुकी है तथा अगली किस्त 26 जनवरी के पहले भेज दी जायेगी। नई योजना के तहत राशन कार्ड भी उपलब्ध कराये जायेंगे तथा विधवाओं की पेंशन हेतु स्वीकृतियाँ भी दे दी गयी हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक विषमता को दूर करने एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं। इस मौके पर मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, महापौर संयुक्ता भाटिया, आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। इससे पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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