

लखनऊ : भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो रहा है, लेकिन नेतृत्व के सवाल पर गठबंधन के नेता बगली झांकते नजर आ रहे हैं। दो दिन पहले इस सवाल पर बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव निरुत्तर दिखे तो सोमवार को अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता कर रहे राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दे पाये। साथ ही वह सवर्णों के आर्थिक आरक्षण से भी नाराज दिखे। तेजस्वी ने नेतृत्व के सवाल का जवाब देने की बजाय भाजपा और मोदी सरकार पर हमला जरूर बोला। उन्होंने कहा कि नौजवान बेरोजगार हो चुके हैं, नौकरी की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। किसान आत्मदाह करने पर मजबूर है। जनता केंद्र सरकार को तैयार बदलने को बैठी है। लालूजी ने जिस गठबंधन की कल्पना करने का काम किया था, वह अब जाकर साकार हुआ है। अखिलेश यादव को धन्यवाद दिया है और मायावतीजी को भी मैंने कल धन्यवाद दिया था। तेजस्वी सवर्णों के आर्थिक आरक्षण को लेकर भी हमलावर दिखे।
तेजस्वी ने कहा कि नागपुरिया कानून और आरएसएस का एजेंडा आरक्षण को लेकर लागू किया जा रहा है। बिहार में बीजेपी का पूरी तरीके से सफाया किया जाएगा। जब उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनाव में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हार गए तो जनता का विश्वास किसके साथ है यह सबको दिख रहा है। यह गठबंधन सफल है, जनता इस पर विश्वास करेगी और यह मैसेज केवल यूपी के लिए नहीं पूरे देश के लिए है। अखिलेश और मायावती ने जो काम किया है यह ऐतिहासिक फैसला है। बीजेपी ने पूरा प्रयास किया कि यह गठबंधन ना हो। हम लोग तो आज झेल ही रहे हैं कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियां मुकदमें करके डराने का प्रयास कर रही हैं। ये एजेंसियां नहीं रह गई हैं बल्कि बीजेपी के एलाइंस पार्टनर बन गये हैं। आज लालूजी केवल इसीलिए जेल में हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी उन से घबराते हैं।
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