लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लायड की हत्या के बाद बिगड़े हालातों को लेकर आम आदमी के जीवन की चिन्ता जाहिर की है। उन्होंने भारतीय संविधान का हवाला देते हुए सरकारों पर तंज कसा है कि अगर इसका सही तरीके से पालन होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों की आज दुर्दशा नहीं होती। बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को ट्वीट किया कि जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद ‘अश्वेतों की जिन्दगी की भी कीमत है’ को लेकर अमेरिका में हर जगह व विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है व इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि खासकर अपने भारत का अनुपम संविधान तो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा व उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की जबर्दस्त मानवीय गारण्टी देता है जिस पर सरकारों को सर्वाधिक ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों को आज इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते। मायावती ने कहा कि साथ ही, कोराना के बढ़ते मरीजों व मौतों के मद्देनजर केन्द्र व देश के विभिन्न राज्यों के बीच तालमेल व सद्भावना के बजाय उनके बीच बढ़ता आरोप-प्रत्यारोप तथा राज्यों की आपसी सीमाओं को सील करना अनुचित व कोरोना के विरुद्ध संकल्प को कमजोर करने वाला है। केन्द्र का प्रभावी हस्तक्षेप जरूरी है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal