केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर कहा कि यह चर्चा संविधानवेत्ताओं और श्रद्धालुओं के बीच की है। यह एक वैश्विक मुद्दा है। संविधानवेत्ताओं का मानना है कि पहले एक सुप्रीम कोर्ट है और फिर भगवान हैं। लेकिन श्रद्धालुओं की इससे अलग राय है। इसलिए दोनों के बीच सुलह एक चुनौती रहेगी।
दिल्ली आइडियाज कानक्लेव को संबोधित करते हुए रविवार को अरुण जेटली ने कहा कि एक मूलभूत अधिकार दूसरे मूलभूत अधिकार मामले में बाधक बन सकता है। संविधान प्रदत्त जिस सदन ने समानता के अधिकार को जन्म दिया है। उसी से धर्म का अधिकार भी मिला है। उन्होंने कहा कि जब परंपराओं और रीतियों की बात आती है तो दोनों को एक-साथ मिल-जुलकर रहना होगा। इन दोनों के बीच भ्रम की स्थिति बनती रहेगी और दोनों पक्षों के बीच सुलह भी एक चुनौती है।
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर बरसते हुए कहा था कि वह सबरीमाला मुद्दे के साथ खिलवाड़ न करें। वहीं, सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दिए जाने पर उन्होंने कहा था कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ हों और जिन्हें लागू न किया जा सके।
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