बिधनू में फूलपुर से भाऊपुर फ्रंटबेरिकेडेड रेलवे कॅरिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि से प्रभावित किसानों ने मांग पूरी न होने पर पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बिस्तर, दाना-पानी लेकर टंकी पर चढ़े किसानों ने पुलिस के पहुंचने पर कूदकर जान देने की धमकी दी तो अफसरों के हाथ पांव फूल गए। किसानों का कहना है कि यदि मांगें पूरी न हुई तो टंकी के ऊपर ही अनशन शुरू कर देंगे। पुलिस ने किसानों को समझाने का प्रयास शुरू करने के साथ ही प्रशासनिक अफसरों को अवगत कराया है।
रेलवे में अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा न मिलने से है आक्रोश
रेलवे में अधिग्रहीत भूमि से प्रभावित किसानों ने रविवार को राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष राजकुमार तिवारी की अगुवाई में न्यूरी गांव में पानी की टंकी पर चढ़कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। राजकुमार ने बताया कि 26 अगस्त 2010 में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित शहर के 37 राजस्व गांव के लगभग पांच हजार किसानों की 144 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था। अधिग्रहण के दौरान अधिकारियों ने प्रभावित किसानों को सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा व प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार नौकरी देने की बात कही थी लेकिन अभी तक कुछ ऐसा नहीं हुआ है।
किसान परिवार के सदस्य को मिले नौकरी
राजकुमार ने कहा कि सरकार द्वारा 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए। इसके साथ किसान परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। प्रभावित किसानों के ऊपर उपजिलाधिकारी द्वारा लगाए गए दर्जनों फर्जी मुकदमे तत्काल वापस कराए जाएं। उन्होंने कहा कि लंबे समय न्याय का इंतजार कर रहे किसानों के धैर्य का सब्र टूट चुका है।
पुलिस के हाथ पांव फूले
किसानों के पानी की टंकी पर चढ़कर धरना प्रदर्शन की जानकारी पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसानों को नीचे उतारने का प्रयास किया तो किसान टंकी से कूदकर जान देने की धमकी देने लगे। इससे पुलिस कर्मियों के हाथ पांव फूल गए और तुरंत प्रशासनिक अफसरों को मामले से अवगत कराया। किसानों ने कहा कि मांगें पूरी न होने तक वे टंकी पर ही अनशन शुरू कर देंगे। जबतक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक टंकी से नहीं उतरेंगे।
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