जसप्रीत बुमराह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब, कहा- मैं अपनी राह खुद तय करता हूं, लोगों की बातों से नहीं”

लीड्स : लंबे समय बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने वाले जसप्रीत बुमराह ने लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 5 विकेट लेकर एक बार फिर साबित कर दिया कि वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ हैं। ऑस्ट्रेलिया में चोटिल होने के बाद बुमराह के भविष्य को लेकर अटकलें तेज थीं, लेकिन उन्होंने मैदान पर वापसी उसी आत्मविश्वास के साथ की, जैसे उन्होंने खेल को छोड़ा था।

लीड्स में रविवार को चौथे दिन के खेल की समाप्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने कहा, “मैं अपनी वापसी को लेकर कभी भी घबराया नहीं। लोग क्या लिखते हैं, इस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है। और ना ही मैं किसी को सिखाना चाहता हूं कि उनके हेडलाइन में मेरा नाम हो या नहीं। मैं जानता हूं कि क्रिकेट हमारे देश में बहुत लोकप्रिय है, और मेरा नाम लगाने से व्यूज़ बढ़ते हैं। लेकिन ये सब मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता। अगर मैं इन सब बातों को अपने दिमाग में बिठा लूं, तो मैं अपनी राह से भटक जाऊंगा।”

“ना सुनते-सुनते 10 साल हो गए”

बुमराह ने याद दिलाया कि जब उन्होंने क्रिकेट की शुरुआत की थी, तब भी लोग उन्हें लेकर शंका जताते थे।

उन्होंने कहा, “शुरू में कहा गया कि मैं टीम में नहीं आ पाऊंगा। फिर कहा गया कि छह महीने भी नहीं टिकूंगा। फिर आठ महीने… और इस तरह मैंने 10 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिता दिए। आईपीएल में भी 12-13 साल से खेल रहा हूं। अब भी लोग कहते हैं कि ये चोट शायद आखिरी होगी। मैं इन सबकी परवाह नहीं करता। मैं अपना काम करता रहूंगा। तीन-चार महीने में एक नई हेडलाइन आएगी, लेकिन मैं खेलता रहूंगा जब तक किस्मत में लिखा है।”

“हर मैच में बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं”

अपनी हालिया चोट के बाद बुमराह ने टेस्ट मैचों के चयन को लेकर सतर्कता बरती है। उन्होंने टीम मैनेजमेंट को पहले ही सूचित कर दिया है कि वह पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। कप्तानी से पीछे हटने की यही मुख्य वजह थी।

उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि मैं कितने मैच खेल रहा हूं। उस समय जब मैं मैदान में हूं, मेरा पूरा ध्यान विकेट को पढ़ने, बल्लेबाज को समझने और रणनीति बनाने पर होता है। भविष्य की चिंता में प्रदर्शन पर असर नहीं डालना चाहता। टेस्ट मैच खत्म होने के बाद बाकी सब देखा जाएगा।”

“रात को खुद से करता हूं एक सवाल”

अपनी सोच को लेकर बुमराह ने एक गहरी बात कही। उन्होंने कहा, “रात को मैं खुद से एक सवाल करता हूं – क्या मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया? अगर जवाब हां में होता है, तो मैं शांति से सो जाता हूं।”

भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की कोशिश

अपने बयान के अंत में बुमराह ने कहा कि वह हर दिन अपने आप को बेहतर बनाने और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने कहा, “भगवान ने जो बरकत दी है, उसे आगे बढ़ा रहा हूं और भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की कोशिश कर रहा हूं।”

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