क्वेटा : प्रमुख बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने शनिवार को पाकिस्तान की नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड (एआरएफसी) की कड़ी आलोचना की। इसी के साथ उन्होंने एआरएफसी को उधार के पैसों से चलने वाला बताया।
मीर ने एक्स पर पोस्ट किया, पाकिस्तान के कठपुतली प्रधानमंत्री (शहबाज शरीफ) डर के मारे कांपते हुए 14 अगस्त को मिलिट्री जुंटा की ओर से तैयार की गई स्क्रिप्ट पढ़ रहे थे। स्क्रिप्ट पढ़ते समय वह बार-बार जनरलों की ओर देख रहे थे, जिनके चेहरे बता रहे थे कि पाकिस्तान की नई कथित आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड (एआरएफसी) सिर्फ एक दिखावा है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता का आरोप है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की खनिज संपदा लूटकर अपने रक्षा कर्मियों को वेतन दे रहा है। यह लूट अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पाकिस्तान का तथाकथित एआरएफसी ड्रीम बलूचिस्तान के संसाधनों से संचालित होता है। प्रांत अब उस ऊर्जा आपूर्ति को बंद करने के लिए तैयार है।
मीर ने कहा, हम अपने मित्र राष्ट्रों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बलूचिस्तान इस क्षेत्र में एक समृद्ध देश के रूप में उभरने की राह पर है। अपने खनिज, तेल और गैस, समुद्र, जमीन और आकाश पर पूर्ण संप्रभुता रखते हुए, पाकिस्तान की किसी भी शत्रुतापूर्ण साजिश से अपने वायुक्षेत्र की सुरक्षा करने के लिए तैयार है।
मीर ने दावा किया है कि पाकिस्तान के टैंक फिर से ईंधन की कमी से जूझ रहे हैं। उसकी मिसाइलें अपनी परिचालन क्षमता के अंत के करीब हैं। उसके विमानों को अब बलूचिस्तान के आसमान में उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मीर के मुताबिक, बलूचिस्तान के बहादुर और देशभक्त लोग, लाखों दृढ़निश्चयी नागरिकों के साथ मिलकर तय कर चुके हैं कि अब क्षेत्र की शांति, समृद्धि और रक्षा की जिम्मेदारी खुद बलूचिस्तान के हाथों में होगी।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक कर्तव्य हर संभव तरीके से बलूचिस्तान की रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करना है, ताकि पाकिस्तानी सेना को फिर कभी इस क्षेत्र में अस्थिरता और अशांति फैलाने का मौका न मिले।