लखनऊ: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। इनमें से ज़्यादातर जिले यमुना नदी के किनारे हैं, जिसका जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में खासकर राज्य के पश्चिमी हिस्सों में राहत और बचाव दल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
अभी तक जिन 28 जिलों में बाढ़ की सूचना मिली थी, उनमें आगरा, अलीगढ़, बलिया, बाराबंकी, बदायूं, बस्ती, चंदौली, फर्रुखाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, कासगंज, कानपुर देहात, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मथुरा, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शाहजहांपुर, संत कबीर नगर, सीतापुर और उन्नाव शामिल थे।
इनमें से आगरा, अलीगढ़, बाराबंकी, बस्ती, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, हरदोई, कन्नौज, मथुरा, पीलीभीत, सहारनपुर, संत कबीर नगर और सीतापुर में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
अधिकारियों की मानें तो 889 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य 319 बाढ़ आश्रय स्थलों का संचालन कर रहा था जहां 5,453 लोगों को स्थानांतरित किया गया था।
राज्य में अभी तक इस मौसम में 1 जून से 4 सितंबर तक 635.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 619.7 मिमी से 3% अधिक है। पश्चिमी यूपी के जिलों में गुरुवार सुबह तक 24 घंटों में सामान्य से 104% बारिश दर्ज की गई। हाथरस में सबसे अधिक 40.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, हालांकि सामान्य से विचलन के मामले में, आगरा में सामान्य से 604% बारिश दर्ज की गई।
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