लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्राविधानों के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य के पते पर पंजीकृत 127 राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
आरोप है कि इन दलों द्वारा विगत तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) के वार्षिक लेखापरीक्षित खाते निर्धारित तिथि तक प्रस्तुत नहीं किए गए और वर्ष 2019 से अब तक विगत 6 वर्षों में आयोजित विभिन्न निर्वाचनों में प्रतिभाग तो किया गया परन्तु निर्धारित समयावधि में निर्वाचन व्यय विवरणी दाखिल नहीं किया गया।
नियमों के अनुसार प्राविधान यह है कि विधानसभा चुनाव के पश्चात 75 दिनों के भीतर और लोकसभा चुनाव के पश्चात 90 दिनों के भीतर निर्वाचन व्यय विवरणी दाखिल किया जाना अनिवार्य है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कारण बताओ नोटिस के सम्बंध में कहा कि इन सभी दलों के अध्यक्ष व महासचिव अपना प्रत्यावेदन, शपथ पत्र एवं सुसंगत अभिलेख आदि 03 अक्टूबर, 2025 तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उ०प्र० के कार्यालय, चतुर्थ तल, विकास भवन, जनपथ मार्केट, लखनऊ-226001 को उपलब्ध करा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत सुनवाई हेतु 06, 07, 08 एवं 09 अक्टूबर, 2025 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में प्रातः 10 बजे उपस्थित होकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि निर्धारित तिधि के दौरान यदि ऐसे किसी दल की ओर से कारण बताओ नोटिस के सम्बन्ध में प्रत्यावेदन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो यह माना जायेगा कि ऐसे राजनितिक दल को इस मामले में कुछ नहीं कहना है। ऐसे दल के संबंध में रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दी जायेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा कारण बताओ नोटिस इन सभी राजनैतिक दलों के पंजीकृत पते पर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया गया है। इन सभी दलों के नाम एवं पते सहित सूची भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।