लखनऊ : देश और दुनिया के नौजवानों को ऊर्जावान बनाने वाले स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा अब उत्तर प्रदेश के राजभवन परिसर में लगाई जाएगी। शासन स्तर पर उच्चस्तरीय मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस मामले में शासन ने संस्कृति निदेशालय और लखनऊ के जिलाधिकारी से 10 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। लखनऊ में स्वामी विवेकानंद की कई मूर्तियां लगी हैं, लेकिन यह पहली बार होगा जब राजभवन में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगेगी। उत्तर प्रदेश शासन ने जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है उनमें प्रमुख है स्वामी विवेकानंद की मूर्ति जिस जमीन पर लगाई जाएगी कहीं वह सार्वजनिक तो नहीं है, उस जमीन पर किसी तरीके का विवाद तो नहीं है. इससे पहले मूर्ति लगाने पर विवाद हो चुका है।
लखनऊ में विधानसभा के सामने इस समय जहां पर लोक भवन बना है, वहां पहले पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा लगी थी। वहां पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक की लाट के ऊपर उस प्रतिमा के लगे होने के कारण काफी विवाद हुआ था। उस वक्त इसे राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान बताया गया था। उस वक्त यह भी नहीं पता चल पाया था कि आखिरकार प्रतिमा किस विभाग की तरफ से लगाई गई। बाद में जब लोकभवन बनाया गया तो प्रतिमा के चबूतरे को बदल दिया गया जिसमें अशोक की लाट बनी हुई थी जिससे विवाद शांत हो सके। लिहाजा इस बार विवाद से बचने के लिए शासन-प्रशासन पहले से ही सारी चीजें दुरुस्त करना चाहता है ताकि स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगने में किसी तरीके का विवाद न पैदा हो।
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