अप्रैल से महंगा हो जाएगा मयखाना, जानें बढ़ी हुई कीमत!

योगी कैबिनेट बैठक में ‘नई आबकारी नीति’ को मिली मंजूरी
वार्षिक लाइसेंस फीस 20 फीसदी व बीयर पर 15 फीसदी बढ़ा

लखनऊ : यूपी की योगी कैबिनेट की बैठक में मंगलवार देर शाम नई आबकारी नीति को मंजूरी मिली। वर्ष 2020-21 के लिए नई आबकारी नीति के निर्धारण के संबंध में प्रस्ताव पास किया गया। इस नीति के तहत टेंडर सिस्टम ऑनलाइन रहेगा। नवीनीकरण पूरी तरह से ऑनलाइन होगा और पूरे प्रदेश में एक साथ होगा। अब एक प्रार्थी सिर्फ दो दुकान ही रख पाएंगें। कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता व मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि पिछली बार 27 हज़ार करोड़ का रेवन्यू आबकारी विभाग ने किया था, इस बार 31,600 करोड़ का टारगेट है। ब्रांड और लेबल अप्रूवल सिर्फ सिंगल स्टेज पर होगा। ट्रेड मार्क रजिस्ट्रेशन जरूरी है। माइक्रो ब्रेवरी में एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया है। अब क्रूज पर भी लाइन्स दिए जाएंगे। बीयर शॉप पर वाइन भी बिकेगी।

प्रदेश में फुटकर शराब व बीयर की बेसिक लाइसेंस फीस बढ़ने के कारण पहली अप्रैल से बीयर के केन और बोतल के मूल्य 10 रुपये बढ़ जाएंगे। देसी शराब के पउवे पर पहली अप्रैल से 5 रुये ज्यादा अदा करने होंगे। मीडियम रेंज की अंग्रेजी शराब 500 रुपये तक की बोतल पर 40 से 80 और क्वार्टर पर 10 से 20 रुपये बढ़ जाएंगे। प्रीमियम ब्रांड यानि 500 रुपये से अधिक मूल्य की बोतल पर 80 से 160 रुपये और क्वार्टर पर 20 से 40 की बढ़ोत्तरी होगी। यह फैसला मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक में किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति घोषित कर दी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर.भूसरेड्डी ने बताया कि देसी शराब की दुकान की बेसिक लाइसेंस फीस पिछले वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत बढ़ाई गई है। अंग्रेजी शराब की दुकान की बेसिक लाइसेंस फीस में भी 20 प्रतिशत और बीयर की दुकान की लाइसेंस फीस में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।

कैबिनेट के बाद प्रदेश सरकार के लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह व प्रमुख सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने आबकारी नीति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नई नीति में सरकार ने फैसला किया है कि अब अंग्रेजी शराब की फुटकर दुकानों व माडल शाप के साथ ही बीयर की फुटकर दुकानों पर भी वाइन की बिक्री की जाएगी। पहली अप्रैल से हर शराब व बीयर की दुकान पर पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीनों द्वारा हर बोतल पर चस्पा क्यूआर कोड को स्कैन करके बेचा जाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही अब दूसरे राज्यों की डिस्टलरियों में बनी देसी व अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री का रास्ता भी सरकार ने खोल दिया है।

प्रमुख सचिव आबकारी के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष के लिए देसी शराब की दुकानें, जिनके न्यूनतम गारंटी कोटे (एमजीक्यू) में 2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुई है, उन दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण होगा। अंग्रेजी शराब, बीयर और माडल शॉप की फुटकर दुकानों जिनमें 2018-19 के वित्तीय वर्ष के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान एक्साईज ड्यूटी और अतिरिक्त एक्साईज ड्यूटी में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई होगी, उन दुकानों के लाइसेंस का वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए नवीनीकरण किया जाएगा।

नवीनीकरण के बाद जो दुकानें बचेंगी उनके लाइसेंस का आवंटन आवेदन पत्र आमंत्रित कर उनके ई-लॉटरी ड्रा के जरिये किया जाएगा। किसी भी कारोबारी को पूरे प्रदेश में देसी शराब, बीयर, अंग्रेजी शराब की फुटकर दुकानें व माडल शाप की दो से अधिक दुकानों के लाइसेंस आवंटित नहीं होंगे। अगले वित्तीय वर्ष में जिला आबकारी अधिकारी अपने जिले की आवश्यकता के अनुसार देसी शराब, बीयर, अंग्रेजी शराब व माडल शाप की दुकानों में दो प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर सकेंगे। प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में पहली बार भांग की दुकानों के लाइसेंस का आवंटन नवीनीकरण के जरिये किया जाएगा। जो दुकानें नवीनीकरण से बच जाएंगी उनके लाइसेंस ई-लॉटरी के जरिये जारी होंगे।

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