जुनून-ए-इश्क : मौसेरी बहन के प्यार में बन बैठा आईएसआई का एजेंट!

सीआरपीएफ कैंप, वाराणसी, रायबरेली, अयोध्या के संवेदनशील स्थलों लखनऊ में सीएए व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के फोटो किये थे शेयर

वाराणसी : इश्क का चस्का ऐसा होता है कि एक बार जो उसके चक्कर में पड़ जाये तो वह ‘फना’ हो जाता है। फिर परिणाम की परवाह किये बिना वह कुछ भी करने को तैयार रहता है… कुछ भी। सच ही कहा गया है कि प्यार में आदमी अंधा हो जाता है। अच्छे-बुरे का होश नहीं रहता है। तभी तो मौसा-मौसी के लाख समझाने के बाद भी राशिद के जेहन में बात नहीं उतरी और मौसेरी बहन के प्यार में वह आईएसआई का एजेंट बन बैठा। जिस देश में पैदा हुआ, उसी मातृभूमि से गद्दारी कर बैठा। हालांकि राशिद की मौसी हसीना व मौसा सगीर को जानकारी हो गई थी कि राशिद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बनने के लिए तैयार हो गया है। तब उन दोनों ने राशिद को बहुत समझाया था लेकिन वह कहा मानने वाला था।

चंदौली में एटीएस के हत्थे चढ़ा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट राशिद दो बार पाकिस्तान गया था। दूसरी बार कराची यात्रा के दौरान अपनी मौसरी बहन अनम से प्यार कर बैठा। उसके मौसेर भाई शाजेब और दो पाकिस्तानी एजेंटों ने इसका फायदा उठाया। राशिद की अनम से शादी का लालच देकर उसे पाकिस्तानी एजेंटों से मिलवा दिया। आर्मी इंटेलिजेंस और यूपी एटीएस ने रविवार को चंदौली के पड़ाव क्षेत्र से 23 वर्षीय आईएसआई एजेंट राशिद अहमद को गिरफ्तार किया। राशिद मार्च 2019 से व्हाट्सएप के जरिये पाकिस्तानी एजेंटों आसिम और अमद के संपर्क में था। उसने सेना, सीआरपीएफ कैंप की फोटो, वाराणसी, मुंबई, अमेठी, रायबरेली, अयोध्या के संवेदनशील स्थलों की तस्वीरें और लखनऊ में सीएए व एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन की वीडियो व फोटो साझा किये थे।

आईएसआई एजेंट राशिद की मौसी हसीना की शादी कराची के ओरंगी टाउन निवासी शगीर अहमद से हुई है। हसीना का एक बेटा शाजेब है। राशिद पहली बार अपने नाना जब्बार के साथ अगस्त 2017 में कराची अपनी मौसी के यहां गया था। दिसंबर 2018 में मौसी के यहां एक शादी में शामिल होने गए राशिद के साथ नाना जब्बार के अलावा उसकी मां शहजादी भी साथ थी। इस यात्रा के दौरान उसके मौसेरे भाई शाजेब ने आईएसआई एजेंटों-आसिम और अमद से राशिद की मुलाकात कराई। दोनों एजेंटों ने रुपयों का लालच देते हुए राशिद से भारत के दो मोबाइल नंबर हासिल कर लिया। राशिद के दिए दो मोबाइल नंबर पर पाक एजेंटों ने व्हाट्एस एक्टिवेट किया। इसकी ओटीपी भी राशिद ने उन एजेंटों को दिया। इन व्हाट्सएप नंबरों पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने भारत की गोपनीय जानकारियां हासिल कीं। सूचनाएं, फोटो व वीडियो भेजने के एवज में राशिद को मई 2019 में टीशर्ट उपहार भेजा गया। फिर जुलाई 2019 में उसे पांच हजार रुपये दिये गए थे। राशिद ने वाराणसी, मुंबई, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली आदि जगहों की जरूरी जानकारियां शेयर की लेकिन जुलाई-2019 के बाद उसे न तो उपहार मिले थे ना ही रुपये। राशिद अगली डिलीवरी के इंतजार में था, तभी आर्मी इंटेलिजेंस और यूपी एटीएस के हाथ लग गया।

एटीएस की गिरफ्त में आया पाकिस्तानी एजेंट राशिद मूल रूप से लंका के छित्तूपुर का रहने वाला है। 15 वर्षों से पिता से अलग होकर वह पड़ाव पर रहने लगा था। स्थानीय लोगों के अनुसार वह छित्तूपुर में अक्सर मजहब व रुपये के लिए लड़ने की बात करता था। वह चार महीने पहले छित्तूपुर आया था। छित्तूपुर गांव के मोहम्मद इदरीश ने नूर सफा से दूसरी शादी की है। इससे उसे तीन बेटियां हैं। लोगों ने बताया कि दूसरी शादी के बाद इदरीश और राशिद की मां शहजादी के बीच अक्सर झगड़ा होने लगा। इस कारण राशिद मां के साथ पड़ाव पर रहने लगा, लेकिन वह पिता से मिलने आया करता था। इस दौरान वह क्षेत्र के युवाओं से भी मिलता था। चार महीने पहले वह कुछ देर के लिए घर पर आया था।

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