माह के अंतिम पर्व कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में बहुत ही महत्व है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आता है। इसी दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का संहार किया था। इसी कारण से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस अवसर पर पवित्र नदी का स्नान, दीपदान, भगवान की पूजा, आरती, हवन तथा दान का बहुत महत्व है।

यदि इस दिन आप गंगा स्नान करते हैं तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी क्योंकि इस दिन आकाश से अमृत वृष्टि होती है। इसी अमृत को पाने के लिए लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी में स्नान करने आते हैं।
अपार धन प्राप्ति के लिए करें सटीक उपाय
इस दिन अपने घर को गंदा बिल्कुल ना छोड़ें और साफ-सफाई जरूर करें। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता है। अपने घर के द्वार को भी सजाएं।
घर के द्वार के सामने स्वास्तिक बनाएं तथा विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
कार्तिक पूर्णिमा पर चांद जरूर देखें और साथ ही उसे मिश्री और खीर का भोग चढ़ाएं।
इस दिन गो दान का फल अनंत पुण्यदायी है।
इस दिन दीपदान करने का भी महत्व होता है। इससे घर की सभी परेशानियां दूर होती हैं और सुख का वास होता है। यदि आप किसी कारण नदी में दीपदान नहीं कर सकते तो इस दिन किसी पास के मंदिर में जा कर दीप-दान करें।
चावल, शकर और दूध का दान या बहुत थोड़ी मात्रा में नदी में इन्हें बहाने से भी अक्षय पुण्य फल मिलता है।
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