यह नवें दशक के बेहद चमकीले दिन थे। उदारीकरण और भूमंडलीकरण जिंदगी में प्रवेश कर रहे थे। दुनिया और राजनीति तेजी से बदल रहे थी। उन्हीं दिनों मैं छात्र आंदोलनों से होते हुए दुनिया बदलने की तलब से भोपाल में …
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साहित्य में मनभावन सावन
वर्षा ऋतु कवियों की प्रिय ऋतु मानी जाती है। इस ऋतु में सावन मास का महत्व सर्वाधिक है। ज्येष्ठ एवं आषाढ़ की भयंकर ग्रीष्म ऋतु के पश्चात सावन का आगमन होता है। सावन के आते ही नीले आकाश पर काली …
Read More »पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होने का समय
भारत सहित विश्व के अधिकांश देश पर्यावरण संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्रीष्मकाल में भयंकर गर्मी पड़ रही है। प्रत्येक वर्ष निरंतर बढ़ता तापमान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। देश में गर्मी के कारण प्रत्येक वर्ष हजारों लोग …
Read More »हिंदू साम्राज्य दिवस पर विशेष : लोकमंगल था शिवाजी के ‘हिंदवी स्वराज’ का शासन मंत्र
शिवाजी का नाम आते ही शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति का एहसास होता है। अपने सपनों को सच करके उन्होंने खुद को न्यायपूर्ण प्रशासक रूप में स्थापित किया। इतिहासकार भी मानते हैं कि उनकी राज करने की शैली में परंपरागत …
Read More »153 वीं वर्षगांठ(19 जून) पर विशेष : पं.माधवराव सप्रे: हिंदी के विस्मृत महानायक
पंडित माधवराव सप्रे, हिंदी पत्रकारिता और साहित्य में लगभग भुला दिए गए महानायक हैं। भारतबोध और भारतीयता के सबसे प्रखर प्रवक्ता स्प्रे हमारे स्व को जगाने वाले लेखक हैं। हिंदी नवजागरण के अग्रदूत माधवराव सप्रे को याद करना उस परंपरा …
Read More »मध्यप्रदेश में खास रही ‘स्त्री शक्ति’ की भूमिका
मध्यप्रदेश में सभी लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त कर भाजपा ने कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बड़ा सहारा दिया है। जिसमें मध्यप्रदेश की महिला मतदाताओं का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। विधानसभा चुनाव अभियान से ही प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश …
Read More »लोकसभा चुनाव-2024 : कप्तान योगी ने 61 दिन में लगाया दोहरा शतक
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कप्तान योगी आदित्यनाथ ने महज 61 दिन के भीतर 204 चुनावी कार्यक्रम किए। 27 मार्च को मथुरा से प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए भाजपा से मिले चुनावी दायित्व का आगाज करने वाले योगी आदित्यनाथ ने 169 …
Read More »हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष: मीडिया: दरकते भरोसे को बचाएं कैसे
हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाते समय हम सवालों से घिरे हैं और जवाब नदारद हैं। पं.जुगुलकिशोर शुकुल ने जब 30 मई ,1826 को कोलकाता से उदंत मार्तण्ड की शुरुआत की तो अपने प्रथम संपादकीय में अपनी पत्रकारिता का उद्देश्य …
Read More »लोकसभा 2024: बहुत अधिक अनिश्चितता नहीं इयान ब्रेमर
स्क एंड रिसर्च कन्सल्टिंग फर्म यूरेशिया ग्रुप के संस्थापक इयान ब्रेमर ने पीएम मोदी के लिए दावा किया है कि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं। उन्होंने एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा यूरेशिया ग्रुप की रिसर्च में सामने …
Read More »वीर सावरकर- स्वातंत्र्य समर का एक उपेक्षित नायक
स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर की पूरी जिंदगी रचना, सृजन और संघर्ष का उदाहरण है। आजादी के आंदोलन के वे अप्रतिम नायक हैं। उनकी प्रतिभा के इतने कोण हैं कि किसी एक पक्ष का भी अभी ठीक से मूल्यांकन होना …
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