नई दिल्ली। अगर आप अपने दिन की शुरुआत सुकून और ताजगी के साथ करना चाहते हैं, तो योग से बेहतर कोई उपाय नहीं है। जब बात शरीर को मजबूत बनाने और लचीलापन बढ़ाने की हो, तो भेकासन यानी मेंढक मुद्रा एक बेहतरीन विकल्प है। भेकासन दो शब्दों से मिलकर बना है, भेक और आसन। भेक का अर्थ मेंढक होता है और आसन का अर्थ मुद्रा से है, यानी इस आसन में शरीर की स्थिति कुछ-कुछ मेंढक जैसी होती है, इसलिए इसे भेकासन कहा जाता है। जो लोग घंटों एक ही जगह बैठे रहते हैं, उनके लिए ये योगासन रामबाण की तरह काम करता है। भेकासन न केवल शरीर को मजबूती देता है, बल्कि मन को भी शांत करता है।
भारत सरकार के मुताबिक, भेकासन करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, जिससे चलने-फिरने में आसानी होती है और शरीर हल्का महसूस होता है।
इस आसन से शरीर के कई हिस्सों की मांसपेशियों को फायदा होता है। खासकर पीठ के निचले हिस्से, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स, पेट की मांसपेशियां, पैर, टखने, घुटने और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस आसन को करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और धीरे-धीरे उनकी ताकत बढ़ती है, जिससे शरीर ज्यादा फुर्तिला और मजबूत बनता है।
भेकासन मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में काफी असरदार माना जाता है। इसे करने से शरीर के कई हिस्सों पर दबाव पड़ता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उनकी ताकत धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। खासकर हाथ, पैर, पीठ और पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। रोजाना अभ्यास से शरीर में एक अलग ही मजबूती का एहसास होता है।
इस आसन को करने से फेफड़ों की ताकत भी बढ़ती है और सांस लेने की क्षमता बेहतर होती है। जब आप गहराई से सांस लेते हैं, तो फेफड़े अच्छे से फैलते हैं और ज्यादा ऑक्सीजन अंदर जाती है। इससे सांस की गति भी संतुलित रहती है और थकान से भी राहत मिलती है। जो लोग जल्दी-जल्दी हांफने लगते हैं या जिन्हें सांस फूलने की शिकायत रहती है, उनके लिए ये आसन बहुत फायदेमंद है।
भेकासन करने से शरीर के अंदर मौजूद एड्रेनल ग्लैंड नामक ग्रंथि सक्रिय हो जाती है, जो हमारी किडनी के ऊपर होती है। ये ग्लैंड हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने का काम करती है, खासकर जब हम तनाव में होते हैं। जब हम भेकासन करते है, तो पेट और पीठ पर दबाव पड़ता है, जिससे ये ग्रंथि ज्यादा अच्छे से काम करने लगती है। इसका सीधा असर हमारी एनर्जी और मूड पर पड़ता है, जिससे हम खुद को ज्यादा एक्टिव और फ्रेश महसूस करते हैं।
यह अग्नाशय की कार्यक्षमता में भी सुधार लाता है। इस आसन के दौरान जब पेट पर हल्का दबाव पड़ता है, तो अग्नाशय की गतिविधियां तेज हो जाती हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बेहतर बना रहता है और पाचन तंत्र भी ठीक से काम करता है। खासकर शुगर से परेशान लोगों के लिए ये आसन काफी फायदेमंद हो सकता है।
भेकासन करने से पाचन तंत्र भी काफी बेहतर होता है। इससे पेट और आसपास की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया तेज हो जाती है। इससे खाना जल्दी पचता है और गैस या कब्ज जैसी परेशानियां कम होती हैं।
वहीं, अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं, तो भेकासन आपके लिए बेहतर विकल्प है। ये आसन शरीर की कैलोरी को कम करता है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।
भेकासन करने के लिए सबसे पहले आराम से पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को पीछे की ओर लेकर सिर के करीब लाएं। दोनों हाथों से अपने टखनों या पैरों को पकड़ लें। ध्यान रखें कि छाती जमीन से लगी रहे और सांस सहज बनी रहे। इस स्थिति में कुछ सेकंड तक टिके रहें, फिर धीरे-धीरे पैरों को खोलकर आराम करें।