गोरखपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में भावी डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए आज का यह कार्यक्रम केवल कार्यक्रम नहीं बल्कि शिक्षा, इच्छा और समपर्ण की दिशा में निरंतर किया जाने वाला कार्य है और इसके लिए बधाई देती हूं। एम्स संस्थान भारत के इलाज के प्रति प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में नए जीवन संकल्पना को पूरा करता आ रहा है। एम्स शिक्षा और इलाज के लिए नये आयाम प्रदर्शित कर रहा है। इसमें सभी के लिए इलाज की सुविधा है। एम्स डॉक्टर्स चिकित्सा और मरीज के साथ देश को आगे बढ़ाने में भी काम करते हैं।
गोरखपुर और देश के अन्य कोने में एम्स की स्थापना करना उच्च गुणवत्ता उपलब्ध कराने के साथ ही रोजगार भी दे रहा है। भारत में इलाज का खर्च अन्य देशों के अपेक्षा कम है और यहां इसीलिए विदेशों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। एक डॉक्टर का व्यवहार भी मरीज के मानसिक और इलाज में बेहतर प्रभाव डालता है। इस करियर के अलावा आज आपके पास बहुत अवसर हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा कार्य नहीं है बल्कि यह एक इमरजेंसी सेवा है। इसमें किसी के जीवन और जान बचाना होता है, इसीलिए डॉक्टर्स को धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टर बनने के बाद आप कितने धनवान बने या कितने आगे बढ़े यह मायने नहीं रखता। आपने किसी का जान बचाने और गरीबों को इलाज देने में कितना काम आए यह मायने रखता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा केवल एक सेवा नहीं बल्कि एक मानवता का कार्य है। चिकित्सा सेवा को एआई और रोबोट बेस उपचार के कार्य में लिया जा रहा है। यह भविष्य के लिए बेहतर है। भावी डॉक्टर्स लोगों के लिए कार्य करेंगे और देश और एम्स संस्था का नाम रोशन करने का काम करेंगे। आप सभी को बधाई।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हाेने आईं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु समेत सभी गणमान्यों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में 2016 में एक राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी बनी। उसकी बात साझा करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज बनाने में किसान की जमीन ली जाती है। किसानों की मूल्यवान भूमि लेते हैं तब गरीब किसान भाई के लिए पीड़ा होना बनता है। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस जमीन को हम ले रहे हैं उनके पीछे के लिए कौन लोग हैं उन्हें याद रखना पड़ेगा। यह 21वीं सदी है मित्रों। यह महिलाओं की सदी है। जब तक महिलाओं की शक्ति देश के विकास में नहीं आएगी तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। हमारी महिलाओं को आगे लाना होगा। यहां अवार्ड पाने वाले विद्यार्थी आगे बढ़ते रहें, किसी से ईश्या मत करो और किसी मरीज का इलाज कर जान बचाने के लिए वो आपको बधाई दे, यहीं आपकी कोशिश होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि गोरखपुर एक आध्यात्मिक कार्य के लिए गोरखपुर की धरती जानी जाती है। इसे पूर्वी उप्र में आध्यमिक नगरी के केन्द्र बिन्दु के रूप में हम जानते हैं। इसके आसपास कई माहनुभावों और आध्यमिक मनीषियों के लिए जाना जाता है। यहां एम्स 2024 के पहले एक सपना था। आज से आठ साल पहले यहां भय का माहौल था। स्वास्थ्य सेवाओं में समेत कई रोगों के उपचार के लिए प्रधानमंत्री से एम्स की मांग की और उन्होंने इसे धरती पर उतारने की स्वीकृति दी। एम्स जिस उद्देश्य के लिए गठित हुआ था आज वो इंसेफेलाइटिस का पूरी तरह से उन्मूलन हो चुका है। आज संशाधनों की कमी नहीं है। आज से आठ वर्ष पहले एक ही मेडिकल कॉलेज था। आज पूर्वी उप्र में लगभग सभी जिलों में मेडिकल काॅलेज प्रारंभ हो चुके हैं। बलिया में बनने जा रहा है। हमारे आगे चुनौतियां कम नहीं है। चुनौतियों से लड़ते हुए हमें आगे बढ़ना है। भावी डॉक्टरों को इंसेफेलाइटिस के क्षेत्र में किस तरह से कार्य हुआ है उसकी केस स्टडी करके आगे बढ़े और रिसर्च में काम आने वाला है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने सांसद रवि किशन की बातों को साझा किया।
केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आज इतिहासिक आयोजन में राष्ट्रपति की उपस्थिति की बधाई दी। उन्होंने कहा कि छह वर्ष की यात्रा में गोरखपुर एम्स चिकित्सा सेवा में बेहतर योगदान दिया है। अब गोरखपुर एम्स नये स्वरूप में दिखने जा रहा है। दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए समाज और सेवा को समर्पित करते हुए अपने स्किल के साथ आगे बढ़े और मरीजों को सेवाएं देंगे। चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए 2017 में केन्द्र सरकार ने नई चिकित्सा नीति को लागू किया। इससे देश में फैले आयुष्मान सेवा केन्द्र स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आज गरीबाें और जन जन तक पहुंचा रहा है। मेडल पाने वाले डॉक्टर्स सरकार के साथ चिकित्सा सेवाओं को लेकर कदम से कदम मिलाकर और बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे।
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थी चरक कुमार, मानस पंथ, आजमी अयाना अयाज, पर्ल यादव, श्वेता कुमारी, आदित्य पांडेय, सुमया पांडेय, वैभव शर्मा को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सांसद रवि किशन समेत कई गणमान्य उपस्थिति रहे।