मेयर अरुण खोसला ने याचिका दाखिल करते हुए बताया कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू 21 अप्रैल 2017 को फगवाड़ा आए थे और इस दौरान उन्होंने निगम के लेन-देन की जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी में पूर्व कैबिनेट मंत्री जोगिंदर सिंह मान, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महा सचिव हरजीत सिंह परमार, पार्षद संजीव शर्मा व सीनियर कांग्रेस लीडर सतवीर सिंह वालिया को शामिल किया गया।
याची ने कहा कि इस प्रकार की कमेटी बनाना कैबिनेट मंत्री के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस प्रकार की कमेटी बनाने से उनको रोका जाए और कमेटी की दोनों मीटिंग और उसकी रिपोर्ट खारिज की जाए।
निगम कमिश्नर सहयोग नहीं करते
इसके साथ ही याची ने बताया कि निगम की योजनाओं के तहत पूरे हुए प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए याची को उसका स्थान नहीं दिया जाता है और कांग्रेस नेताओं को निगम कमिश्नर इन प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने की अनुमति दे रहे हैं। इसके साथ ही निगम कमिश्नर उनका कोई सहयोग नहीं करते और कोई जानकारी या कुछ दस्तावेज मांगे जाते हैं तो वह भी उपलब्ध नहीं करवाए जाते। याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सिद्धू सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
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